प्रतीक हजेला: NRC के कोऑर्डिनेटर, खुद इनका भी नाम था लिस्ट से बाहर

असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर यानि NRC की अंतिम सूची जारी कर दी गई है. अंतिम सूची के बाद कुल 3 करोड़ 11 लाख 21 हजार 4 व्यक्तियों को NRC में शामिल करने के योग्य पाया गया है. वहीं 19 लाख 6 हजार 657 लोग इस लिस्ट में शामिल नहीं हैं. NRC में अपना नाम दर्ज कराने के लिए असम के 3.3 करोड़ लोगों ने 6.6 करोड़ दस्तावेज सबमिट किए.
टेक्नोलॉजी आधारित वेरिफिकेशन के इस तरीके को 50 साल के IAS अधिकारी प्रतीक हजेला ने ईजाद किया है. वह साल 1995 बैच के मेघालय कैडर के IAS अधिकारी हैं. सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल एनआरसी तैयार करने की प्रक्रिया की मॉनिटरिंग कर रहे प्रतीक को पर मीडिया से बातचीत करने पर रोक लगा दी थी.
मध्य प्रदेश के भोपाल में जन्में प्रतीक एक नामी परिवार से ताल्लुक रखते हैं. उनके पिता राज्य सरकार में अपनी सेवाएं दे चुके हैं. उनके चाचा पीडी हलेजा इलाहाबाद यूनिवर्सिटी और सागर यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर रहे हैं. प्रतीक के भाई डॉक्टर है.
आप जानकर हैरान रह जाएंगे कि जिन प्रतीक हलेजा को NRC का कोऑर्डिनेटर बनाया गया था. उनका ही नाम NRC के पहले ड्राफ्ट में शामिल नहीं था. उन्होंने साल 2017 में NRC के लिए अप्लाई किया था. तब उनका और उनकी बेटी का नाम NRC के पहले ड्राफ्ट में नहीं था. फिर फाइनल ड्राफ्ट में बाप-बेटी का नाम NRC में शामिल किया गया था.
एनआरसी के स्टेट कॉर्डिनेटर बनाए जाने के 6 महीने के बाद उन्होंने अकेले ही इस प्रक्रिया को पूरी करने की रुपरेखा तैयार की थी. अगस्त 2014 में उन्होंने 10 से 12 लोगों की कोर टीम बनाई. साल 2015 में जुलाई महीने में हजेला और उनकी टीम गुवाहाटी के भानगढ़ की एक बहुमंजिला इमारत में शिफ्ट हुई. उनकी टीम रोज सुबह 10 बजे से रात 10 बजे तक काम करती थी.
साल 1996 में प्रतीक को असम का असिस्टेंट कमिश्नर बनाकर भेजा गया. पिछले साल अक्टूबर में दुर्गा पूजा के दौरान एक एनजीओ ने हजेला का एक विशालकाय बैनर लगवाकर उन्हें राक्षस के तौर पर दिखाया था. इसमें देवी को हजेला का संहार करते दिखाया गया था.
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