पंजाब: गुरु ग्रंथ साहिब का अपमान करने वाले पा सकते हैं उम्रकैद

पंजाब में प्रकाश सिंह बादल की अकाली सरकार ने गुरु ग्रंथ साहिब का अपमान करने की सजा को दो साल की बजाय उम्रकैद में बदलने जा रही है. इसके साथ ही बादल सरकार पूजा स्थान के अपमान की सजा को 10 साल करने जा रही है.
इस मामले में सरकार की ओर से पंजाब विधानसभा में इंडियन पीनल कोड (पंजाब संशोधन) में बदलाव किया जा रहा है.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक पंजाब के डिप्टी सीएम सुखबीर बादल ने विधानसभा में सोमवार को इस बिल को पेश किया, जिसे बहुमत से पास कर दिया गया. विधानसभा से इस बिल के पास होने के बाद अब इसे राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा. वहीं दूसरी तरफ बादल सरकार के इस फैसले पर विपक्ष दल कांग्रेस ने निराशा जताई है.
विधानसभा में नेता विपक्ष चरणजीत सिंह चन्नी ने इस मामले में अकाली सरकार को घेरते हुए मांग की कि सरकार का यह कदम केवल गुरु ग्रंथ साहिब के लिए नहीं बल्कि अन्य सभी धर्मग्रंथों के लिए होनी चाहिए.
चन्नी ने बताया कि यही वजह थी कि कांग्रेस के विधायकों ने इस बिल का विरोध करते हुए सदन से वॉकआउट कर गए. इसके बाद हमारे विधायक वापस सदन में आए और कांग्रेस की ओर से त्रिलोचन सिंह ने इस प्रस्ताव में सभी धर्मों के अपमान पर सजा बढ़ाने के प्रावधान को विपक्ष की मंजूरी की बात कही, जिसे बादल सरकार ने अस्विकार कर दिया.
इसके साथ ही चन्नी ने यह भी साफ किया कि विपक्ष इस बिल के विरोध में नहीं है, लेकिन हम मानते हैं कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है और यहां सभी धर्मों के लिए समान कानून और प्रावधान होने चाहिए.
गौरतलब है कि पिछले साल फरीदकोट, लुधियाना और बठिंडा सहित कई जिलों में श्री गुरु ग्रंथ साहिब के अपमान की घटनाएं हुई थीं. इस घटना में शामिल आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पूरे पंजाब में विरोध-प्रदर्शन भी हुए थे.
इन घटनाओं की वजह से बादल सरकार की खासा किरकिरी हुई थी. इस मामले में एसजीपीसी और सरकार के मंत्रियों को जनता के आक्रोश का सामना करना पड़ा था. यही कारण था कि बादल सरकार को विधानसभा में यह बिल लाना पड़ा था.