25 दिन की यात्रा निकाल कर राहुल गांधी करेंगे यूपी अभियान का आरंभ

2017 के महत्वपूर्ण विधानसभा चुनावों के मद्देनजर कांग्रेस के पक्ष में जन समर्थन जुटाने के लिए राहुल गांधी छह सितम्बर से यूपी के तूफानी दौरे पर निकलने की तैयारी कर रहे हैं.
महीने भर चलने वाली राहुल की यह सड़क यात्रा पूर्वी उत्तर प्रदेश के देवरा से शुरु होगी और गाजियाबाद में आकर समाप्त होगी. यात्रा करीब 20-25 दिन चलेगी. इससे पहले राहुल ने उत्तर प्रदेश में कभी इतना वक्त एक साथ नहीं गुजारा है.
पार्टी महासचिव और उत्तर प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी गुलाम नबी आजाद ने बताया कि 2500 किलोमीटर लम्बी इस यात्रा में राहुल गांधी 55 लोकसभा एवं 223 विधानसभा क्षेत्रों का दौरा करेंगे. यह मेगा यात्रा 39 जिलों से गुजरेगी और कांग्रेस उपाध्यक्ष 21 जिलों में छोटी-बड़ी जनसभाएं करेंगे.
चमत्कार की उम्मीद
कांग्रेस को उम्मीद है कि राज्य में होने वाले विधानसभा चुनावों में राहुल की इस यात्रा से उनके अच्छे दिन आ सकतेे हैं. 1990 के बाद से कांग्रेस का प्रदर्शन यहां लगातार खराब ही होता गया. यह वही दशक था, जब राज्य में मंडल-मंदिर राजनीति का आगाज हुआ था.
1989 से पार्टी राज्य की सत्ता से बेदखल है और अब वह किसी चमत्कार की उम्मीद कर रही है.
गांधी ने 2011 में भी इसी तरह की कड़ी मशक्कत की थी कि कांग्रेस के सुनहरे दिन फिर से लौट आएं. उन्होंने राज्य में जमकर प्रचार किया था लेकिन वे विफल रहे. 2012 के विधानसभा चुनावों के लिए उन्होंने नवम्बर 2011 से दिसम्बर 2012 के बीच 48 दिन में 211 विशाल जनसभाएं संबोधित कीं लेकिन उतने वोट नहीं मिले. पार्टी को राज्य में 28 सीटों पर जीत हासिल हुई जो कि 2007 में मिली सीटों से मात्र 6 ज्यादा थी.
गौरतलब है कि इस यात्रा की घोषणा करते हुए आजाद ने बार-बार यह बात दोहराई कि इस यात्रा के दौरान कोई सार्वजनिक सभा नहीं होगी क्योंकि इसमें ज्यादा भीड़ जमा हो जाती है.
प्रचार का नया प्रारूप
लगता है कांग्रेस अब तक 2012 के भयावह चुनाव परिणामों को नहीं भूली है और इसीलिए गांधी द्वारा बड़ी सभाएं संबोधित करना प्रचार का हिस्सा नहीं है. हालांकि कांग्रेस के रणनीतिकार प्रशांत किशोर की टीम के एक उच्च स्तरीय सूत्र ने बताया कि सभाएं न करने का कारण भीड़ वाली बात नहीं है.
सूत्र ने कहा, ‘प्रचार का प्रारूप इसी तरह तैयार किया गया है. हमने सोचा राहुल को ही विधानसभा क्षेत्रों के लोगों से मिलने जाने देते हैं और खाट पर बैठ कर छोटी सभाओं में वैसे ही बहुत से लोगों के पहुंचने की संभावना रहती है. इसलिए बड़ी जनसभाएं करने के बजाय हमने तय किया कि खुद हर विधानसभा क्षेत्र जाकर वे जनसम्पर्क करें.
जब से राहुल गांधी चुनावी राजनीति में आए हैं, उन्होंने एक साथ किसी राज्य में इस तरह 20-25 दिन चुनाव प्रचार नहीं किया है जहां चुनाव होने वाले हों. गांधी ने इससे पूर्व 2011 में उत्तर प्रदेेश में ही लगातार पांच दिन तक चुनाव प्रचार किया था और गोरखपुर, देवरिया, मऊ और आजमगढ़ में रैलियों को संबोधित किया.
उत्तर प्रदेेश में चुनावी बिगुल बजाते हुए कांग्रेस को उम्मीद है कि राहुल की यह यात्रा वाराणसी में हुए कांग्रेस के रोड शो जैसी ही सफल होगी, जिसमें हजारों की संख्या में लोग जमा हुए थे. कम से कम प्रशांत किशोर को इतनी उम्मीद तो है ही.
उन्होंने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को सूचित कर दिया है कि सोनिया की रैली तो राहुल के प्रचार की बस एक झलक मात्र थी.
गांधी की मेगा यात्रा प्रदेेश कांग्रेस प्रमुख राजबब्बर और मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवार शीला दीक्षित की यात्राओं के बाद होने जा रही है जो कि दो अगस्त को संपन्न हुई है.
किशोर की टीम से जुड़े सूत्रों ने कैच को बताया कि गांधी अपने रोड शो के लिए एक बस का इस्तेमाल करेंगे. सूत्रों के अनुसार इस बस में वे सब यंत्र और उपकरण लगे होंगे जो एक सभा को संबोधित करने के लिए चाहिए ताकि वे जहां चाहें लोगों को संबोधित कर सकें.
राहुल गांधी ‘27 साल, यूपी बेहाल’ नारे को अपने प्रचार का मुख्य आधार बनाएंगे. इसकी रचना किशाोर की टीम ने की है और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने वाराणसी शो के दौरान इसे लॉन्च किया था.
आजाद को बड़ी उम्मीदें
आजाद को इस महायात्रा से काफी उम्मीदें हैं. उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस की हालिया यात्राओं की तरह यह भी सफल होगी.
उन्होंने कहा, ‘इस महायात्रा के दौरान हर जिले, कस्बे से राहुल गांधी का रोड शो गुजरेगा; वे किसानों, अंगठित क्षेत्र के कामगारों, पुरुषों-महिलाओं व युवाओं से बातचीत करेंगे.’’
उन्होंने यह भी घोषित किया कि आरपीएन सिंह, राजीव शुक्ला और मीम अफजल यूपी में पार्टी के मीडिया प्रकोष्ठ के जन प्रभारी होंगे और वे राज्य में प्रचार के दौरान मीडिया के सभी सवालों का जवाब देंगे.
First published: 30 August 2016, 19:17 IST