रामविलास पासवान का आज होगा अंतिम संस्कार, दीघा घाट पर पूरे राजकीय सम्मान के साथ दी जाएगी अंतिम विदाई

Ram Vilas Paswan Last Rites: केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान (Ram Vilas Paswan) के पार्थिव शरीर का आज पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार (Last Rites) किया जाएगा. लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) के पूर्व अध्यक्ष पासवान का गुरुवार शाम निधन हो गया. 74 वर्षीय पासवान का शव शुक्रवार देर शाम पटना एयरपोर्ट पहुंच गया. जहां उन्हें बेटे चिराग पासवान, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी, केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद, राजद नेता तेजस्वी यादव और अन्य नेताओं ने श्रद्धांजलि दी. रामविलास पासवान का पार्थिव शरीर शुक्रवार को पटना आने पर उनकी पहली पत्नी की पुत्री और दामाद ने एयरपोर्ट पर उस वक्त हंगामा कर दिया.
जब उन्हें दिवंगत नेता के अंतिम दर्शन करने के लिये अंदर प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी गई. पासवान की पुत्री आशा देवी और दामाद अनिल साधु ने राज्य के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी की कार के सामने हंगामा किया. आशा पासवान और अनिल कुमार साधु ने आरोप लगाया कि सुरक्षाकर्मी उन्हें अंदर नहीं जाने दे रहे थे. पासवान के दामाद साधु ने कहा कि, 'ऐसे दुखद अवसर पर राजनीति क्यों की जा रही है? उनकी पुत्री और परिवार के सदस्यों को हवाई अड्डे पर प्रवेश क्यों नहीं करने दिया जा रहा है.' एलजेपी के संस्थापक और उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री रामविलास पासवान पिछले कुछ समय से दिल्ली के एक अस्पताल में भर्ती थे. हाल ही में उनकी हार्ट सर्जरी हुई थी.
बिहार चुनाव से पहले लालू प्रसाद यादव को मिली जमानत, फिर भी रहना होगा जेल में
समाजवादी आंदोलन के स्तंभों में से एक पासवान बाद के दिनों में बिहार के प्रमुख दलित नेता के रूप में उभरे और जल्द ही राष्ट्रीय राजनीति में अपनी विशेष जगह बना ली. 1990 के दशक में अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण से जुड़े मंडल आयोग की सिफारिशों को लागू करवाने में पासवान की भूमिका महत्वपूर्ण रही. बिहार के खगड़िया में 1946 में जन्मे पासवान का चयन पुलिस सेवा में हो गया था, लेकिन उन्होंने पुलिस सेवा की नौकरी छोड़ राजनीति में अहम मुकाम हासिल किया. पहली बार वह 1969 में संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी की टिकट पर चुनाव लड़कर विधानसभा पहुंचे.
Video: राम विलास पासवान को श्रद्धांजलि देने पहुंचे PM मोदी तो फूट-फूटकर रोने लगे चिराग पासवान
वह आठ बार लोकसभा के सदस्य चुने गए और उन्होंने कई बार हाजीपुर संसदीय सीट से सबसे ज्यादा मतों के अंतर से जीतने का रिकॉर्ड अपने नाम किया. पासवान समाज के वंचित तबके से जुड़े लोगों के मुद्दे उठाने में सबसे आगे रहने वाले राजनेता थे. उनके सभी राजनीतिक दलों के साथ गठबंधन और मधुर संबंध रहे. अपने 50 साल लंबे राजनीतिक करियर में वह हमेशा केन्द्र की सभी सरकारों में शामिल रहे.
KBC में पूछा गया सीता मां के कपड़ों का रंग, प्रतिभागी ने छोड़ दिया शो, क्या आप जानते हैं सही जवाब?
First published: 10 October 2020, 7:30 IST