बंगाली बोलने वाले हिन्दुओं की रक्षा के लिए बंगाल में NRC लाना जरुरी- RSS

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने पश्चिम बंगाल में नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजनशिप (NRC) लाने की वकालत की है. आरएसएस का मानना है कि पश्चिम बंगाल में बंगाली बोलने वाले हिंदुओं की रक्षा करने के लिए एनआरसी लाना बहुत जरुरी है.
इस मामले में आरएसएस के राज्य सचिव जिष्नु बासु ने आजतक से बातचीत में कहा कि पश्चिम बंगाल में एनआरसी लाना जरुरी है. उन्होंने कहा, ''पश्चिम बंगाल में एनआरसी और नागरिकता (संशोधन) विधेयक लाना जरूरी है ताकि बंगाली बोलने वाले हिंदुओं की रक्षा हो सके, नहीं तो राज्य से उनका खात्मा हो जाएगा.''
बासु ने इस मामले को गंभीर बताते हुए आगे कहा, ''बांग्लादेश से आने वाले घुसपैठिए जेहादी तत्व यहां शरण ले रहे हैं और राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल हैं. यह न केवल बंगाली हिंदुओं के लिए नुकसानदेह है, बल्कि हमारे समाज के लिए भी उसी तरह से हानिकारक है.''
सूत्रों के अनुसार संघ के प्रचारकों ने एनआरसी मुद्दे पर बंगाल के सीमा के पास के इलाकों में समर्थन जुटाने का काम भी शुरू कर दिया है. एनआरसी को बंगाल के लिए बहुत जरुरी बताते हुए बासु ने कहा, ''यह उन बंगाली हिंदुओं के लिए जरूरी है, जो बांग्लादेश में जारी अत्याचार की वजह से भारत आने को मजबूर हैं. बांग्लादेश में हिंदू जनसंख्या का अनुपात 22 फीसदी से घटकर 8 फीसदी तक आ गया है. यदि हम बांग्लादेशी हिंदुओं को शरण नहीं देंगे, तो वे एक बार फिर जेहादी तत्वों द्वारा मार दिए जाएंगे.''
वहीं आरएसएस के इस कदम को बंगाल बीजेपी ने गर्मजोशी से स्वीकार किया है. भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष दिलीप घोष ने भारत में अवैध नागरिकों की निकासी पर जोर देते हुए कहा कि भारत में अवैध रूप से रह रहे सभी लोगों को बाहर किया जाना चाहिए. आगे आरएसएस के समर्थन में घोस ने कहा, ''हम तो कहते रहे हैं कि बंगाल में एक करोड़ अवैध लोग हैं. असम में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के मुताबिक एनआरसी लागू किया जा रहा है, हम यहां भी इसकी मांग करते हैं.''
वहीं आरएसएस के इस कदम का बंगाल बीजेपी ने गर्मजोशी से स्वीकार किया है. भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष दिलीप घोष ने भारत में अवैध नागरिकों की निकासी पर जोर देते हुए कहा कि भारत में अवैध रूप से रह रहे सभी लोगों को बाहर किया जाना चाहिए. आगे आरएसएस के समर्थन में घोष ने कहा, ''हम तो कहते रहे हैं कि बंगाल में एक करोड़ अवैध लोग हैं. असम में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के मुताबिक एनआरसी लागू किया जा रहा है, हम यहां भी इसकी मांग करते हैं.''
First published: 20 September 2018, 12:02 IST