SC विवाद पर बोले पूर्व चीफ जस्टिस लोढा- खतरे में हैं न्यायपालिका की आजादी

सुप्रीम कोर्ट विवाद मामले में पूर्व चीफ जस्टिस आरएम लोढा ने कहा है कि न्याय पालिका की आजादी आज खतरे में है. इसका स्वतंत्र रहना लोकतंत्र के लिए बेहद जरूरी है. पूर्व जस्टिस लोढा पूर्व मंत्री और बीजेपी नेता अरुण शौरी की किताब अनीता गेट्स बेल के विमोचन के कार्यक्रम में शिरकत कर रहे थे.
समारोह में पूर्व चीफ जस्टिस आर एम लोढा ने कहा, ''ये दौर न्यायपालिका के लिए बड़ी चुनौती है. न्यायपालिका का सिस्टम दरक रहा है. इसे दुरुस्त नहीं किया गया तो अफ़रातफ़री मच जाएगी. उन्होंने कहा कि इसमें कोई शक नहीं कि CJI मास्टर ऑफ़ रॉस्टर हैं, लेकिन मनमाने ढंग से काम नहीं कर सकते हैं. अब चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा को स्टेट्समैनशिप दिखा कर सभी जजों को साथ लेकर हल निकालना होगा.''
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लोढ़ा ने कॉलिजयम विवाद पर कहा कि मुख्य न्यायधीश को बाकी जजों को अपना साथी समझ कर साथ लेकर चलना चाहिए. उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय में आज जो दौर हम देख रहे हैं वह दुर्भाग्यपूर्ण है. यह सही समय है कि सहकर्मियों के बीच सहयोगपूर्ण संवाद बहाल हो. उन्होंने कहा, ''मैंने हमेशा महसूस किया है कि न्यायपालिका की स्वतंत्रता के साथ समझौता नहीं किया जा सकता है और अदालत का नेता होने के नाते सीजेआई को उसे आगे बढ़ाना है.''
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दिल्ली में शौरी की किताब के विमोचन पर बीजेपी के बड़े नेता लालकृष्ण आडवाणी, पूर्व बीजेपी नेता यशवंत सिन्हा समेत कई नेता भी मौजूद थे. अरुण शौरी ने अपनी किताब 'अनीता गेट्स बेल' में अदालतों के फैसलों पर बड़ा कटाक्ष किया है.
शौरी ने कार्यक्रम में मौजूद वरिष्ठ अधिवक्ताओं से कहा कि अगर मौजूदा सीजेआई को बार - बार कहना पड़ रहा है कि वह मास्टर ऑफ रोस्टर हैं, तो इसका मतलब है कि उन्होंने नैतिक प्राधिकार खो दिया है. साथ ही शौरी ने इस मौके पर चीफ जटिस्स पर निशाना साधते हुए कहा कि उनके काम करने के तरीके को देखकर लगता है कि वो सरकार के लिए काम कर रहे हैं.
First published: 2 May 2018, 9:00 IST