लोकपाल की नियुक्ति में हो रही देरी पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई फटकार, मोदी सरकार से मांगी रिपोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने लोकपाल की नियुक्ति में हो रही देरी पर मोदी सरकार से नाराजगी जताई है. कोर्ट ने केंद्र को निर्देश दिया कि वह सितंबर 2018 से अभी तक लोकपाल खोज समिति के संबंध में उठाए गए कदमों पर एक हलफनामा सौंपे. सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार के अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल से कहा कि वह इस संबंध में 17 जनवरी तक हलफनामा दायर करें.
अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि सितंबर 2018 से अभी तक कई कदम उठाए गए हैं. पीठ ने उनसे पूछा कि अभी तक आपने क्या किया, बहुत वक्त लिया जा रहा है. तब वेणुगोपाल ने कहा कि कई कदम उठाए गए हैं. इसके बाद पीठ ने नाराज होते हुए कहा कि सितंबर 2018 से उठाए गए सभी कदमों को रिकॉर्ड पर लाएं.
कॉमन कॉज की ओर से पेश हुए वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि सरकार ने खोज समिति के सदस्यों के नाम तक अपनी वेबसाइट पर अपलोड नहीं किए हैं. सुप्रीम कोर्ट ने लोकपाल के लिए खोज समिति के गठन पर सरकार की दलीलों को 24 जुलाई 2018 को पूर्णतया असंतोषजनक बताते हुये उसे चार सप्ताह के भीतर बेहतर हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया था.
तब अटॉर्नी जनरल ने कोर्ट में बताया था कि पीएम मोदी, सुप्रीम कोर्ट के तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, लोकसभा की अध्यक्ष सुमित्रा महाजन और न्यायविद मुकुल रोहतगी वाली चयन समिति की बैठक 19 जुलाई, 2018 को हुई थी जिसमें खोज समिति के लिए नाम पर चर्चा हुई.