स्कॉर्पीन-क्लास की दूसरी पनडुब्बी खंडेरी का मुंबई में हुआ जलावतरण

स्कॉर्पीन क्लास की दूसरी पनडुब्बी आईएनएस खंडेरी का आज मुंबई में जलावतरण किया गया. इस मौके पर मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड के परिसर में आयोजित कार्यक्रम में रक्षा राज्यमंत्री सुभाष भामरे मौजूद रहे. नौसेना प्रमुख एडमिरल सुनील लांबा भी इस अवसर पर मौजूद थे.
Mumbai: India to launch second Scorpene-Class Submarine Khanderi today. pic.twitter.com/Sc3qHsxpDR
— ANI (@ANI_news) January 12, 2017
रक्षा राज्यमंत्री सुभाष भामरे ने कहा कि वो दिन अब दूर नहीं जब मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड से जल्द ही दूसरे देशों को भी सबमरीन सप्लाई की जाएंगी. पनडुब्बी का उद्घाटन केंद्रीय मंत्री की पत्नी बीना भामरे ने किया.
I am confident that the day is not too far when MDL (Mazagon Dock Limited)
— ANI (@ANI_news) January 12, 2017
will build submarines for other nations as well: Subhash Bhamre pic.twitter.com/oEyi7E5JvX
यहां पनडुब्बी को उस पॅन्टून से अलग किया गया, जिसपर उसके विभिन्न हिस्सों को जोड़कर एकीकृत किया गया था. स्कॉर्पीन श्रेणी की यह पनडुब्बी अत्याधुनिक फीचर से लैस है. इनमें रडार से बच निकलने की इसकी उत्कृष्ट क्षमता और सधा हुए वार करके दुश्मन पर जोरदार हमला करने की योग्यता शामिल है.
डीजल और बिजली से चलने वाली ये पनडुब्बी दुश्मन नेवी पर हमला करने में कारगर साबित होगी. पनडुब्बी दुश्मन की पकड़ से बचने के लिए आधुनिक स्टेल्थ फीचर से लैस है. सटीक मारक क्षमता वाली मिसाइल के जरिए ये पनडुब्बी दुश्मन के छक्के छुड़ा सकती है.
मिसाइल लॉन्च के लिए आमतौर पर इस्तेमाल होने वाले टारपीडो के अलावा आईएनएस खंडेरी में ट्यूब से लॉन्च होने वाली एंटी शिप मिसाइल्स भी मौजूद हैं. ये मिसाइल्स पानी के अंदर या सतह से दागी जा सकती हैं.
पनडुब्बी को दुनिया के सभी हिस्सों में काम करने के लिए डिजाइन किया गया है. अत्याधुनिक संचार तकनीक इसकी क्षमता को बढ़ाती है. पनडुब्बी के जरिए ऐंटी-सरफेस और ऐंटी-सबमरीन लड़ने के अलावा खुफिया सूचनाएं भी जुटाई जा सकती हैं. इसके अलावा ये सबमरीन माइन बिछाने और इलाके की निगरानी करने में भी सक्षम है.
Second Scorpene class submarine Khanderi launched in Mumbai. pic.twitter.com/g7mEhOA560
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एक रक्षा अधिकारी ने कहा कि खंडेरी उन छह पनडुब्बियों में से दूसरी पनडुब्बी है, जिसका निर्माण एमडीएल में फ्रांस की मेसर्स डीसीएनएस के साथ मिलकर किया जा रहा है. यह भारतीय नौसेना के ‘प्रोजेक्ट 75’ का हिस्सा है.
स्कॉर्पीन सीरीज की पहली पनडुब्बी आईएनएस कलवरी को अप्रैल 2015 में लॉन्च किया गया था. इसका ट्रायल अभी जारी है. उम्मीद है कि आईएनएस कलवरी जून तक नेवी के बेड़े का हिस्सा बन जाएगी. जबकि आईएनएस खंडेरी का ट्रायल दिसंबर तक चलेगा. भारतीय नौसेना की पनडुब्बी शाखा को इस साल आठ दिसंबर को 50 साल पूरे हो जाएंगे.
भारतीय नौसेना की पनडुब्बी शाखा के स्थापना की याद में हर साल पनडुब्बी दिवस मनाया जाता है. आठ दिसंबर 1967 को पहली पनडुब्बी- प्राचीन आईएनएस कल्वारी को भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था. पहली भारत-निर्मित पनडुब्बी आईएनएस शाल्की के साथ भारत सात फरवरी 1992 को पनडुब्बी बनाने वाले देशों के विशेष समूह में शामिल हुआ था.
एमडीएल ने इस पनडुब्बी को बनाया और फिर एक अन्य पनडुब्बी आईएनएस शंकुल के 28 मई, 1994 को हुए जलावतरण के काम में लग गया. ये पनडुब्बियां आज भी सक्रिय हैं.
एमडीएल के एक अधिकारी ने कहा कि खान्देरी का नाम मराठा बलों के द्वीपीय किले के नाम पर आधारित है. इस किले ने 17वीं सदी के अंत में समुद्र में उनके वर्चस्व को सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभाई थी. खान्देरी टाइगर शार्क का भी नाम है.
यह पनडुब्बी दिसंबर तक समुद्र में और पत्तन में यानी पानी के अंदर और सतह पर परीक्षणों से गुजरेगी. इसमें यह जांचा जाएगा कि इसका प्रत्येक तंत्र पूर्ण क्षमता के साथ काम कर रहा है या नहीं. इसके बाद इसे आईएनएस खंडेरी के रूप में भारतीय नौसेना में शामिल कर लिया जाएगा.
First published: 12 January 2017, 1:01 IST