रोहित खुदकुशी: शिक्षकों और छात्रों ने स्मृति ईरानी को झूठा कहा

हैदराबाद युनिवर्सिटी के छात्र रोहित वेमुला की खुदकुशी के मामले में केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी के दावे से युनिवर्सिटी के शिक्षक और छात्र नाराज हैं.
बुधवार को स्मृति ईरानी ने दावा किया था कि युनिवर्सिटी के पांच छात्रों का निष्कासन करने वाली समिति की अध्यक्षता एक दलित प्रोफेसर ने की थी.
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अनुसूचित जाति/जनजाति के शिक्षकों और अधिकारियों ने स्मृति ईरानी के बयान को झूठा करार देते हुए कहा कि प्रोफेसर विपिन श्रीवास्तव ने छह सदस्यीय समिति की अध्यक्षता की थी और वह दलित नहीं हैं.
स्मृति ईरानी के इस बयान से नाराज अनुसूचित जाति/जनजाति के शिक्षकों ने अपना प्रशासनिक पद छोड़ने तक की चेतावनी दी है.
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वहीं इस घटना के विरोध में गुरुवार को भी विरोध-प्रदर्शन जारी है. छात्रों ने स्मृति के बयान की निंदा करते हुए उनका पुतला भी फूंका है.
शिक्षकों के अलावा छात्रों ने भी स्मृति ईरानी के बयान को 'गुमराह करने वाला' और 'सच्चाई से परे' बताया है.
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छात्रों और शिक्षकों के अनुसार, समिति में केवल एक दलित सदस्य छात्र कल्याण विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर पी. प्रकाश बाबू थे लेकिन उनके पास निर्णय लेने का कोई भी अधिकार नहीं था.
छात्रों और शिक्षकों का दावा है कि प्रोफेसर प्रकाश ने केवल अपने वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा दिए गए आदेश का पालन किया है.