अमेरिका में मिलीं भारत की ये प्राचीन धरोहरें, वापस लाने की हो रही है तैयारी

भारत की तमाम प्राचीन धरोहरें अब यहां मौजूद नहीं है लेकिन दुनिया के किसी ना किसी देश में आज भी ये मौजूद हैं. जिन्हें चोरी कर भारत से वहां पहुंचा दिया गया. ऐसी ही धरोहरों को लाने की भारत सरकार पहल कर रही है. दरअसल, अमेरिका के कुछ संग्रहालयों में आज भी भारत की कुछ प्राचीन कलाकृतियां मौजूद हैं जो चोरी कर वहां पहुंचा दी गईं.
खबरों के मुताबिक, ऐसी ही करीब 100 प्राचीन कलाकृतियों को वापस भारत लाने के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (ASI) ने प्रक्रिया शुरू कर दी है. ये कलाकृतियां ईसा पूर्व दूसरी सदी से लेकर 12वीं सदी तक के प्राचीन भारत के इतिहास से जुड़ी हुई हैं. एएसआई ने बताया कि कुछ दिन पहले अतिरिक्त महानिदेशक पुरातत्व डॉ. उर्मिला संत और अमरावती सर्किल के पुरातत्वविद अधीक्षक पीएस श्रीरमन की दो सदस्यीय टीम अमेरिका भेजी गई थी.
उन्होंने न्यूयार्क में भारत के महावाणिज्य दूतावास की मदद से वहां के संग्रहालयों के साथ अन्य जगहों पर भारतीय सभ्यता से जुड़ी प्राचीन मूर्तियों, कलाकृतियों और वस्तुओं को चिह्नित किया है. जिन्हें भारत लाने की प्रक्रिया शुरु हो चुकी है. जिसके लिए आव्रजन और सीमा शुल्क प्रवर्तन-आंतरिक सुरक्षा ने इसे सील कर दिया है.
बताया जा रहा है कि ये कलाकृतियां सुभाष कपूर नाम के एक शख्स ने तस्करी कर अमेरिका भेज दी थीं. सुभाष कपूर इनदिनों तमिलनाडु की जेल में बंद है. बता दें कि अमेरिका में मिली प्राचीन कलाकृतियों में पांचवीं और छठी सदी के अलावा हड़प्पा सभ्यता की टेराकोटा से बनी वस्तुएं शामिल हैं. साथ ही तमिलनाडु के सुतामल्ली और श्रीपुरातन मंदिर की खूबसूरत कलाकृतियां और मध्य प्रदेश के संरक्षित कारीतलाई के स्मारक की प्रसिद्ध कच्छ-मच्छ की प्रतिमा भी वहां मौजूद हैं.
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First published: 9 May 2019, 8:13 IST