SC ने 45 लाख केंद्रीय कर्मचारियों को दी बड़ी राहत, 15 साल बाद मिलेगी ये सुविधा

केंद्रीय कर्मचारी के इलाज को लेकर, सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले ने लगभग 45 लाख केंद्रीय कर्मचारियों को बड़ी राहत पहुंचाई है. इस फैसले के बाद अब CGHS के पैनल के अस्पतालों में सुविधा नहीं मिलने पर सेवारत एंव रिटायर्ड कर्मचारी और या उनके परिजन बाहर के अस्पतालों में भी इलाज करा सकते हैं और इलाज में जो भी खर्च आएगा, उन्हें सभी खर्च वापस मिल जायेगा. इसका इलाज में खर्च की गई सभी रकम रिइंबर्स हो जाएगी.
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला दाखिल एक जनहित याचिका पर सुनाया है. यह याचिका भारतीय राजस्व सेवा के पूर्व अधिकारी और सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट शिवाकांत झा ने दाखिल की थी.
दरअसल, शिवकांत झा ने साल 2003 में मुंबई के जसलोक अस्पताल और दिल्ली में फोर्टिस एस्कॉर्ट्स में अपने दिल का इलाज कराया था. जिसके इलाज में उन्हें 13 लाख 80 हज़ार का खर्च आया था. जिसे बाद में CGHS के अधिकारियों ने रिइंबर्स करने से इंकार कर दिया. CGHS के अधिकारियों ने कहा के दोनों अस्पताल पैनल के अंतर्गत नहीं है इसलिए रकम रिइंबर्स नहीं होगी. हालांकि बाद में काफी भाग दौड़ के बाद 5 लाख 85 हज़ार रुपए का भुगतान दिया गया. उस समय योजना ने यह भी कहा कि रिइंबर्स फिक्स रेट के आधार पर ही होना चाहिए.
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अदालत ने कहा कि CGHS की तय दरों से ज़्यादा खर्च होने पर पूरी रकम का पुनर्भुगतान न होना सरासर अन्याय है. ये कर्मचारियों के बेहतरीन इलाज कराने के अधिकारों का भी हनन है. CGHS को भुगतान करना ही होगा और वो भी उस अस्पताल की दर पर.
कोर्ट ने कहा कि जब ये साबित हो जाए कि सरकारी कर्मचारी ने किसी अस्पताल में इलाज कराया है तो फिर पेमेंट कोई नहीं रोक सकता, न ही कम कर सकता है.
First published: 15 April 2018, 12:32 IST