सुप्रीम कोर्ट: बीते कल की बात हो सकते हैं संता-बंता के चुटकुले

- देश की सर्वोच्च न्यायिक संस्था ने सोमवार को कहा कि यदि इन चुटकुलों वाली वेबसाइटों पर रोक लगाने के लिए इतनी सारी याचिकाएं आई हैं तो इस बारे में गंभीरता से विचार किया जाना जरूरी है.
- हरविंदर चौधरी ने अपनी याचिका में कहा था कि ऐसी करीब 5000 वेबसाइटें हैं जिनमें ऐसे चुटकुले हैं. इन पर रोक लगाने के साथ ही भविष्य में इसकी पुनरावृत्ति न हो इसके दिशानिर्देश जारी किए जाएं.
यदि पुख्ता तर्क रखे गए तो संता-बंता पर बनने वाले चुटकुले बीते जमाने की बात बन जाएंगे. इन जोक्स पर पाबंदी लगाने संबंधी दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई को तैयार हो गया है. देश की सर्वोच्च न्यायिक संस्था ने सोमवार को इस संबंध में कहा कि यदि इन चुटकुलों वाली वेबसाइटों पर रोक लगाने के लिए इतनी सारी याचिकाएं आई हैं तो इस बारे में गंभीरता से विचार किया जाना जरूरी है.
न्यायमूर्ति टीएस ठाकुर, न्यायमूर्ति एके सीकरी और न्यायमूर्ति आर भानुमति की बेंच ने कहा कि संता-बंता पर बने चुटकुलों के मामले पर दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति समेत तमाम लोगों द्वारा याचिका दायर किए जाने से इतना तो साफ हो गया है कि इनसे पूरा सिख समुदाय आहत है.
उन्होंने कहा कि पहले उन्हें ऐसा लगा कि इन चुटकुलों से याचिका दायर करने वाली सिख महिला वकील हरविंदर चौधरी को ही आपत्ति है. लेकिन उनके समुदाय का प्रतिनिधित्व करने वाले दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति की याचिका आने के बाद से यह साफ जाहिर है कि संता-बंता के चुटकुलों से पूरा समुदाय प्रभावित है.
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न्यायमूर्ति ने यह भी कहा कि जरूरत पड़ने पर हरविंदर चौधरी को एक वरिष्ठ वकील भी दिया जा सकता है. गौर फरमाने वाली बात है कि हरविंदर चौधरी ने अपनी याचिका में कहा था कि ऐसी करीब पांच हजार वेबसाइटें हैं जिनमें सिख समुदाय पर चुटकुले हैं.
इन पर रोक लगाने के साथ ही भविष्य में इसकी पुनरावृत्ति न हो इसके दिशानिर्देश जारी किए जाएं. बकौल चौधरी, "ऐसे चुटकुलों से सिख समुदाय को ठेस पहुंचती है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी उनकी छवि खराब होती है."
ऑनलाइन याचिका भी जुटा रही समर्थन
न केवल सुप्रीम कोर्ट बल्कि चेंज डॉट ओरआरजी नामक वेबसाइट पर भी संता-बंता के चुटकुलों पर रोक लगाने संबंधी याचिका को जबर्दस्त समर्थन मिल रहा है. अब तक इस पर 42 हजार से ज्यादा लोग हस्ताक्षर कर इसका समर्थन कर चुके हैं.
वहीं, दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति के अध्यक्ष मनजीत सिंह की मानें तो इस याचिका को न केवल ऑनलाइन बल्कि ऑफलाइन भी समर्थन मिल रहा है. इस याचिका पर बीते माह तक 45 हजार लोग ऑफलाइन हस्ताक्षर कर चुके थे.
कुल मिलाकर अब तक इसके समर्थन में करीब 90 हजार लोग अपने हस्ताक्षर कर चुके हैं. दिल्ली गुरुद्वारा रकाबगंज में गुरु नानक जयंती के मौके पर एक दिन में रिकॉर्ड तोड़ 20,000 सिखों ने इस याचिका पर हस्ताक्षर किए थे.
दिल्ली के मुख्यमंत्री भी कर चुके हैं हस्ताक्षर
न केवल इस ऑनलाइन याचिका को सिखों का समर्थन मिल रहा है. बल्कि अन्य समुदायों के लोग भी संता-बंता के चुटकुलों पर पाबंदी का समर्थन कर रहे हैं.
इस सिलसिले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी वेबसाइट की इस याचिका के कागज पर हस्ताक्षर कर अपना समर्थन जताया था.
First published: 6 January 2016, 8:24 IST