हार्वर्ड रिपोर्ट: पाकिस्तान के मुकाबले भारत के परमाणु ठिकाने असुरक्षित

इस महीने वॉशिंगटन में होने वाले परमाणु सुरक्षा शिखर सम्मेलन से पूर्व हार्वर्ड कैनेडी स्कूल द्वारा जारी एक रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत के परमाणु ठिकाने पाकिस्तान की तुलना में ज्यादा असुरक्षित हैं.
हार्वर्ड स्कूल द्वारा जारी रिपोर्ट ‘परमाणु आतंकवाद की रोकथाम: सतत सुधार या खतरनाक गिरावट?’ में कहा गया है कि भारतीय परमाणु प्रतिष्ठानों को भले ही पाकिस्तान की तरह आतंकवादियों से कोई खतरा नहीं हो, लेकिन भारत भीतरी भ्रष्टाचार से सामना कर रहा है.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक रिपोर्ट कहती है कि साल 2014 में कलपक्कम परमाणु ऊर्जा स्टेशन में तैनात सीआईएसएफ के हेड कांस्टेबल विजय सिंह ने अपनी सर्विस राइफल से हमला कर तीन लोगों को मार डाला था.
इसमें कहा गया है आईएसएफ हेड कांस्टेबल विजय सिंह की बिगड़ती मानसिक हालात का पता लगाने में नाकाम रहा. हालांकि उसने कई बार खतरे के संकेत दिए थे जिसमें एक बार उसने यह तक कहा था कि वह किसी पटाखे की तरह फट पड़ेगा.
रिपोर्ट के मुताबिक भारत के परमाणु सुरक्षा उपायों के संबंध में उपलब्ध कराये गये सीमित जानकारी को देखते हुए यह तय कर पाना मुश्किल है कि क्या भारत की परमाणु सुरक्षा इन खतरों से सुरक्षा करने में सक्षम है या नहीं. हालांकि भारत ने अपने परमाणु स्थलों की सुरक्षा के लिए काफी पुख्ता इंतजाम किये हैं, इस बात को भी नकारा नहीं जा सकता है.
लेकिन हालिया रिपोर्ट बताती है कि भारत के परमाणु ठिकानों के सुरक्षा उपाय पाकिस्तान के सुरक्षा उपायों से कमजोर हैं. रिपोर्ट में बताया गया है कि अमेरिकी अधिकारियों ने भारतीय परमाणु सुरक्षा उपायों को पाकिस्तान और रूस के समान कमजोर माना है और साल 2008 में भाभा परमाणु शोध केंद्र का दौरा करने वाले अमेरिकी विशेषज्ञों ने वहां के सुरक्षा इंतजाम को बेहद निम्न स्तर का बताया था.
रिपोर्ट यह भी बताती है कि भारत परमाणु ठिकाने की सुरक्षा को लेकर दोहरी मार झेल रहा है. एक तो भारत घरेलू स्तर पर खतरों से निपट रहा है, वहीं दूसरी ओर उसे पाकिस्तान के आतंकवादी समूहों की ओर से भी हमले का खतरा है.