इराक में मारे गए भारतीयों के मुआवजे पर बोले वीके सिंह- जेब में कोई पिटारा थोड़े रखा है

इराक में बंधक बनाये गए 39 भारतियों में से 38 भारतीयों के अवशेष विदेश राज्यमंत्री लेकर वीके सिंह भारत लौट आये. ख़ास विमान से ये शव भारत लाये गए. उनका स्पेशल प्लेन अमृतसर में लैंड हुआ.
1 अप्रैल को इराक जाते वक्त उन्होंने कहा था, "वहां से आने के बाद पहले अमृतसर, फिर कोलकाता और फिर पटना जाकर उनके परिजनों को शव सौंपूंगा. इस बारे में मृतकों के परिजनों को सूचना दे दी गई है."
मारे गए लोग पंजाब, हिमाचल, पश्चिम बंगाल और बिहार के थे. अवशेषों को उन्हीं के राज्य में सौंपा जाएगा. सुषमा ने कहा था कि मरने वालों में कोई दिल्ली का नहीं है, लिहाजा इराक से फ्लाइट दिल्ली नहीं आएगी.
This is not a game of football, Both state and central govt are sensitive govts, EAM had asked the families for the details of their members who can be given jobs etc, we will review: VK Singh,MoS MEA on whether kin of the 38 Indians will be given jobs pic.twitter.com/J0ryINOc1P
— ANI (@ANI) April 2, 2018
पंजाब सरकार ने मृतक के परिवारों को आर्थिक सहायता देने का एलान किया है. साथ ही मृतक के परिवारों से डिटेल मांगी है, ताकि योग्यतानुसार उन्हें नौकरी दी जा सके. 38 लोगों के शव भारत वापस लाये गए है. इनमें से 27 पंजाब, 4 हिमाचल प्रदेश, 2 पश्चिम बंगाल और 6 बिहार के हैं. एक का डीएनए सैंपल मैच की पुष्टि नहीं हुई है.
Ye biscuit baantne wala kaam nahi hai, ye admiyon ki zindagi ka sawal hai,a gayi baat samajh mein?Main abhi elaan kahan se karoon?Jeb mein koi pitaara thodi rakha hua hai: VK Singh,MoS MEA on if there would be some compensation announced today for kin of 38 Indians killed in Iraq pic.twitter.com/jQFp2IXDLW
— ANI (@ANI) April 2, 2018
वहीं मृतक परिवारों को मुआवजे की बात पर वीके सिंह ने ट्वीट में लिखा है, ''ये बिस्किट बांटने का काम नन्हीं है. ये आदमियों की जिंदगी का सवाल है. आ गयी बात समझ में? में अभी एलान कहा से करूं? जेब में कोई पिटारा थोड़ी रखा हुआ है.''
गौरतलब है कि मारे गए कुछ लोगों के परिवारों ने 26 मार्च को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से मुलाकात की थी. इस महीने, विदेश मंत्री ने संसद को बताया था कि आतंकी समूह आईएसआईएस ने जून 2014 में इराक के मोसूल से 40 भारतीयों का अपहरण कर लिया था लेकिन उनमें से एक खुद को बांग्लादेश का मुस्लिम बताकर भाग निकला था. उन्होंने कहा था कि बाकी 39 भारतीयों को बदूश ले जाया गया और उनकी हत्या कर दी गई.
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने 20 मार्च को संसद को सूचित किया था कि इराक में मजदूरी का काम कर रहे जिन 39 भारतीयों का 2014 में मोसुल से अपहरण हो गया था, उनकी हत्या हो गई है. इससे पहले इराक से बच निकले हरजीत मसीह ने दावा किया था कि आईएस ने 39 भारतीयों की गोली मारकर हत्या कर दी है. इसके जबाव में विदेश मंत्री ने कहा था कि जब तक इस संबंध में कोई ठोस सबूत नहीं मिल जाता, वे किसी की मृत्यु की पुष्टि नहीं कर सकतीं
First published: 2 April 2018, 15:41 IST