Video: रावण बन आकर आई ट्रेन ने कुचल दीं सैकड़ों जानें, पटरी से 150 मीटर दूर तक बिखर गए शव के टुकड़े

दशहरे के मौके पर अमृतसर में हुए दर्दनाक रेल हादसे से रेलवे की कई लापरवाहियों की पोल खुल गयी है. जब पूरा देश रावण के पुतले को जला कर जश्न मना रहा था तब अमृतसर में जैसे खुद ही ट्रेन पर सवार होकर रावण आया और सैंकड़ों जिंदगियों को अपनी चपेट में ले लिया. इस हादसे में 100 से भी ज्यादा लोग तेज रफ़्तार ट्रेनों की चपेट में आये हैं. इनमे से अभी तक 60 से ज्यादा की मौत की पुष्टि हुई है. वहीं अन्य घायलों का इलाज चल रहा है. इनमे से 15 घायलों की हालात बहुत नाजुक बताई जा रही है.
हादसे के बाद से सामने आ रही दर्दनाक तस्वीरों में मौत का तांडव देखने को मिलता है. ट्रेन ने कई लोगों को पटरियों पर कुचल दिया. ट्रेन की चपेट में आने से कई लोगों की मौके अपर ही मौत हो गयी. हादसा इतना दर्दनाक था कि पटरियों से 150 मीटर की दूरी पर शवों के टुकड़े बिखरे पड़े थे. शरीर के अंग क्षत-विक्षत पटरियों के आस पास बिखरी पड़े थे.
The #AmritsarTrainAccident is so tragic total negligence from Organisers 😞. Morning Update around 60 are dead the number will rise. Please donate Blood at Guru Nanak hospital
— Anmol 🇮🇳 (@OriginalAnmol) October 20, 2018
I have merged all the videos of incident in this video #SaturdayMotivationpic.twitter.com/YzajctSKtM
हादसे को लेकर प्रथम दृष्ट्या जो गलतियां सामने समझ आ रही है उसके हिसाब से रेलवे को ही इसके लिए दोषी माना जा रहा है. ऐसे कई तथ्य हैं जिनमे विभाग की लापरवाही सामने आई है. पुलिस और प्रशासन ने रेलवे ट्रैक से मात्र 80 मीटर की दूरी पर रावण दहन के आयोजन की मंजूरी कैसे दी? जहां से हादसा हुआ वो बेहद व्यस्त रेलवे मार्ग हैं. ऐसे व्यस्त मार्ग की पटरियों पर सैकड़ों लोग इकठ्ठा थे और प्रशासन को इसकी भनक तक नहीं थी?
जनता की भी ये गलती है कि किसी भी हालत में रेलवे ट्रैक पर खड़ा होना खतरनाक है फिर रेलवे को इस कार्यक्रम की जानकारी क्यों नहीं दी गई? और यदि रेलवे को जानकारी थी तो ऐसे में दो ट्रेने इस मार्ग से कैसे गुजरीं? आयोजन के दौरान तैनात पुलिसकर्मियों ने लोगों को ट्रैक पर जाने से क्यों नहीं रोका?
यदि आयोजन में 500 से 700 लोगों की उपस्तिथि का अनुमान था तो किसी तरह की कोई बैरिकेडिंग क्यों नहीं लगाई गई? ये सारे वो सवाल हैं जिनसे विभाग की लापरवाही सामने आती है. क्या वाक़ई देश राम भरोसे चल रहा है?
First published: 20 October 2018, 8:59 IST