यूपी में फिर 'राम' नाम के सहारे बीजेपी, अयोध्या में होगा विश्व रामायण सम्मेलन!

यूपी में विधानसभा चुनाव से पहले केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार देश में विश्व रामायण सम्मेलन कराने की तैयारी में है. खबरों के मुताबिक विश्व रामायण सम्मेलन का आयोजन यूपी के अयोध्या में हो सकता है.
समाचार एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि इस साल देश में विश्व रामायण सम्मेलन हो सकता है. जिसका संभावित आयोजन स्थल उत्तर प्रदेश का अयोध्या होगा.
World Ramayana conference to be held in India this year. Ayodhya (Uttar Pradesh) likely to be the venue: Sources
— ANI (@ANI_news) July 1, 2016
अगले साल यूपी में चुनाव
अगर यह आयोजन होता है, तो उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से ठीक पहले बीजेपी एक बार फिर राम मंदिर के मुद्दे के जरिए यूपी की सियासत को गरमाने की कोशिश कर सकती है. हालांकि अब तक आधिकारिक तौर पर सरकार की तरफ से ऐसे किसी आयोजन की पुष्टि नहीं की गई है.
सियासी जानकारों की मानें तो केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार बनने के बाद से बीजेपी पर राम मंदिर निर्माण के लिए दबाव बढ़ता जा रहा है. ऐसे में सम्मेलन के बहाने राम मंदिर बनाने के मुद्दे को तूल दिया जा सकता है.
विश्व हिंदू परिषद के नेता अक्सर राम मंदिर निर्माण की याद बीजेपी को दिलाते रहते हैं. विश्व हिंदू परिषद के वरिष्ठ नेता अशोक सिंघल के निधन के बाद आयोजित एक शोक सभा में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने राम मंदिर का जिक्र किया था.
मोहन भागवत का बयान
नवंबर 2015 में आयोजित इस शोक समारोह में सिंघल को श्रद्धांजलि देते हुए भागवत ने कहा था कि अशोक सिंघल दो चीजें पूरी करना चाहते थे- राम जन्मभूमि में राम मंदिर का निर्माण और वेदों का प्रसार.
भागवत ने कहा था, "इन लक्ष्यों की दिशा में निष्ठापूर्ण कार्य करने से इन्हें पूरा किया जा सकता है. यदि हमें अशोकजी के प्रण को साकार करना है, तो हमें आज संकल्प लेना होगा कि हम उनके प्रण को अपना प्रण बनाएंगे."
आरएसएस के सरसंघचालक ने कहा था कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण पूरा करने के लिए गंभीर प्रयास करना ही अशोक सिंघल को सच्ची श्रद्धांजलि होगी.
वीएचपी के अलावा कई हिंदू संगठन भी अयोध्या में राम मंदिर बनवाने की लगातार मांग करते रहे हैं. फिलहाल यह मामला सुप्रीम कोर्ट में है और केंद्र सरकार ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.
पिछले दिनों अखिल भारतीय संत सम्मेलन और धर्म संसद में अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की तिथि को लेकर फैसला हुआ था. जिसमें यह तय हुआ कि इस साल कार्तिक अक्षय नवमी (9 नवंबर) से मंदिर निर्माण का काम शुरू किया जाए.
1991 में पूर्ण बहुमत की बनी थी सरकार
उत्तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं, जो बीजेपी के लिए सबसे बड़ी चुनौती हैं. मंदिर आंदोलन के सहारे 1991 में बीजेपी पूर्ण बहुमत (221 सीट) के साथ यूपी में सरकार बना चुकी है. इसके बाद बीजेपी को कभी राज्य में पूर्ण बहुमत नहीं मिला. ऐसे में इस मुद्दे को चुनाव से पहले तूल देने की संभावना है.
हाल ही में कानून मंत्रालय ने लॉ कमीशन को समान नागरिक संहिता के मुद्दे पर चिट्ठी लिखकर रिपोर्ट मांगी है. साथ ही यह सुझाव भी मांगा गया है कि यूनिफॉर्म सिविल कोड को कैसे लागू किया जा सकता है?
अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण, समान नागरिक संहिता और अनुच्छेद 370 की समाप्ति भारतीय जनता पार्टी के सबसे प्रमुख मुद्दे रहे हैं. ऐसे में यूपी चुनाव से पहले विश्व रामायण सम्मेलन के जरिए बीजेपी नया दांव खेल सकती है.
First published: 2 July 2016, 12:30 IST