केवल 3500 रुपए में बेचा जा रहा है आपका निजी डाटा और निजी तस्वीरें

आज के समय में पूरी दुनिया तेजी से डिजिटल रूप में विकसित हो रही है. फिर चाहें वो सोशल मीडिया के जरिये लोगों से कनेक्ट करना हो या फिर पैसों का लेन-देन, लोग आजकल ऑनलाइन एप्लीकेशन को तवज्जो दे रहे हैं. लेकिन एक बात यहां पर चौकाने वाली है कि जितनी तेजी से आज तकनीकी आम आदमी की जिंदगी को आसान करने के लिए तरक्की कर रही है उतनी ही तेजी से साइबर क्राइम भी बढ़ता जा रहा है. डिजिटल दुनिया का सबसे बड़ा ख़तरा है डाटा चोरी, फिर चाहें वो आपके सोशल मीडिया अकाउंट हों या फिर आपके सीक्रेट पासवर्ड या तो फिर कड़ी साइबर सुरक्षा के बाद किए जाने वाले ऑनलाइन बैंकिंग ऑपरेशन्स.
इसी मामले में एक बड़ा खुलासा हुआ है जिसे जानकार आपके होश उड़ जाएंगे. इकनोमिक टाइम्स की खबर के अनुसार आपका निजी डाटा मात्र 3500 रुपये में बेचा जा सकता है. जिसमे आपका सोशल मीडिया अकाउंट, बैंक की निजी डिटेल्स, क्रेडिट कार्ड की गोपनीय जानकारी यहां तक की यात्राओं के लिए इस्तेमाल की जानी वाली उबेर एप्प को दी गई लोकेशन की जानकारी भी चोरी हो सकती है. साइबर क्राइम को लेकर हुई एक नई रेसेरच में इस बात की चेतावनी जारी की गई है.
साइबर सुरक्षा फर्म कैस्पर्सकी लैब के मुताबिक, डार्क वेब बाजारों की जांच करने में ये खुलासा हुआ है कि आपका व्यक्तिगत डेटा साइबर अपराधियों को लगभग 3,500 रुपये से कम में भी बेचा जा सकता है.
"इसमें सोशल मीडिया खातों, बैंकिंग विवरण, सर्वर या डेस्कटॉप तक दूरस्थ पहुंच, और यहां तक कि लोकप्रिय सेवाओं जैसे उबर, नेटफ्लिक्स और स्पॉटिफी, साथ ही साथ गेमिंग वेबसाइट, डेटिंग ऐप्स और अश्लील वेबसाइटों के डेटा भी शामिल हो सकते हैं, जो कि आपके क्रेडिट कार्ड की जानकारी रखते हैं."
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डार्क वेब, जिसे डार्क नेट भी कहा जाता है, इंटरनेट का एक एन्क्रिप्टेड हिस्सा है जिसे सर्च इंजन द्वारा नहीं देखा जा सकता है. कास्पर्स्की शोधकर्ताओं ने पाया कि एक हैक किए गए खाते के लिए बहुत ही कम रुपयों का भुगतान किया जाता है. यहां तक कि प्रति व्यक्ति ये कीमत 1 डॉलर से भी कम है. हैकर्स को ये काम थोक में भाव में दिया जाता है.
कास्पर्सकी लैब के सीनियर सिक्योरिटी रिसर्चर डेविड जैकोबी ने कहा, "यह स्पष्ट है कि डेटा हैकिंग हम सभी के लिए एक बड़ा खतरा है, और यह व्यक्तिगत और सामाजिक स्तर दोनों पर लागू होता है, क्योंकि चुराया गया डेटा कई सामाजिक बुराइयों को पैदा करता है."
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लोगों की लापरवाही के कारण कई बार ऑनलाइन ये डाटा सुरक्षित रह जाता है जिसका इस्तेमाल हैकेर्स कर सकते हैं. इस मामले में कैस्पर्सकी लैब ने कहा, "कई खातों के लिए एक ही पासवर्ड का उपयोग करने वाले लोगों का एक साथ कई अलग अलग प्लेटफॉर्म का डाटा चोरी हो सकता है.''
इस रिसर्च में एक दिलचस्प बात आई है कि कुछ अपराधियों ने डेटा बेचने के लिए अपने खरीदारों को आजीवन वारंटी भी प्रदान की है, इसलिए यदि एक खाता काम करना बंद कर देता है, तो खरीदार को मुफ्त में एक नया खाता प्राप्त होगा. जैकोबी ने कहा, "साइबर सुरक्षा सॉफ्टवेयर का उपयोग करके, हम इसे रोकने के लिए कुछ कदम उठा सकते हैं.''
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