मासूम मोगलीः बर्फीले जंगलों से 3 दिनों बाद 1 चॉकलेट के भरोसे जिंदा बच्चा लौटा

जाको राखें साइयां मार सके न कोए. यह कहावत गाहे-बगाहे सही साबित होती दिखती रहती है. अब ताजा मामले को ही ले जिसमें एक 3 साल का मासूम तीन दिनों तक सााइबेरिया के बर्फीले जंगल के भीतर जंगली जानवरों के खौफ के बावजूद जिंदा बचकर वापस लौट आया.
प्राप्त जानकारी के मुताबिक रूस के बर्फीले इलाके के रूप में मशहूर साइबेरिया के घने और खतरनाक जंगलों में खूंखार भेड़िए और भालू मिलना आम बात है. टूवा रिपब्लिक में खुट गांव में अपनी परदादी के साथ रहने वाला तीन साल का सेरिन डोपचट 18 सितंबर को एक पिल्ले के साथ खेलते हुए इन जंगलों में चला गया.
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जब वो गायब हुआ तो उसकी जेब में केवल एक चॉकलेट थी और उसने केवल कमीज और जूते ही पहने हुए थे. दिन का वक्त होने के चलते उसने गर्म कपड़े नहीं पहने थे. काफी देर तक जब वो घर वापस नहीं आया तो परदादी को चिंता हुई और उन्होंने खोजबीन शुरू की. इसके बाद स्थायीन पुलिस-प्रशासन को जानकारी दी गई और फिर बड़े स्तर पर जमीनी और हवाई खोज अभियान शुरू किया गया.
बताया जा रहा है इस दौरान तीन दिन और रात उसने जंगल के बीच में एक बड़े पेड़ की जड़ों के बीच सूखे स्थान पर गुजारीं. यूं तो वहां दिन का तापमान ज्यादा नीचे नहीं जाता है लेकिन रात में बर्फबारी होती है और बिना गर्म कपड़े पहने वहां पर जिंदा रहना तकरीबन नामुमकिन है. इन सबके बावजूद इतने खतरनाक हालातों में जंगली जानवरों, डरावनी आवाजों के बीच वो तीन दिन तक कैसे जिंदा रहा हैरानी वाली बात है.
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Miraculous survival of 3 year old 'Mowgli' boy lost in taiga for 72 hourshttps://t.co/lyHdz4OA1t pic.twitter.com/lCXcOdgObH
— The Siberian Times (@siberian_times) September 22, 2016
सेरिन के चाचा भी खोज अभियान में मौजूद थे और उन्हें डर था कि जंगल के बगल से बहने वाली बेहद ठंडी और तेज बहाव वाली मिनास नदी में सेरिन न गिर गया हो , या फिर जानवरों ने उसे अपना शिकार न बना लिया हो.
120 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में फैले घने जंगल में सघन खोज अभियान चलाया गया. स्थानीय पुलिस-वनकर्मी, ग्रामीणों और हेलीकॉप्टर की मदद ली गई. स्थानीय मीडिया की मानें तो इस खोज अभियान के दौरान सेरिन ने खोज में जुटे और पुकारते चाचा की आवाज सुुनने के बाद चिल्लाकर उन्हें रोका.
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जैसे ही सेरिन के अंकल रुके वो जाकर उनसे चिपट गया और बिना रोए-चिल्लाए बड़ी मासूमियत से पूछा, "मेरी खिलौना कार सही ढंग से चल रही है या नहीं." इसके बाद उनके अंकल की आंखों में आंसू आ गए.
वहीं, सेरिन को इसके बाद चिकित्सकों के पास ले जाया गया जहां उसका इलाज किया गया हालांकि उसे कोई चोट नहीं आई. इस घटना के बाद अब स्थानीय लोग सेरिन को द जंगल बुक के मोगली के नाम से पुकार रहे हैं.
First published: 24 September 2016, 2:03 IST