एफएटीएफ की बैठक से ठीक पहले पाकिस्तान ने लश्कर आतंकी लखवी को किया गिरफ्तार

26/11 मुंबई हमलों (26/11 Mumbai attacks) के मामले में जमानत पर रिहा होने के लगभग पांच साल बाद लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के ऑपरेशन कमांडर जकी-उर-रहमान लखवी (Zaki-ur-Rahman Lakhvi) को पाकिस्तान की काउंटर टेररिज्म डिपार्टमेंट (CTD) ने आतंकी फंड मामले में गिरफ्तार किया है. द हिन्दू की रिपोर्ट के अनुसार लखवी की गिरफ्तारी ऐसे समय में हुई है जब जनवरी और फरवरी में ग्लोबल वाचडॉग एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की बैठक होनी है.
इस बैठक में पाकिस्तान की ग्रे- लिस्ट की स्थिति को लेकर विचार किया जाना है. जकी-उर-रहमान लखवी पर आतंकवाद के वित्तपोषण के लिए इकट्ठा धन का उपयोग कर एक डिस्पेंसरी चलाने का आरोप है. रिपोर्ट के अनुसार लखवी और अन्य लोगों ने इस डिस्पेंसरी से पैसे एकत्र किये और उन्हें आतंकवाद के वित्तपोषण के लिए और निजी खर्चों के लिए इस्तेमाल किया. लखवी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की प्रतिबंधित आतंकवादियों की सूची में शामिल है.
भारतीय अधिकारियों ने कार्रवाई की गंभीरता पर सवाल उठाते हुए कहा कि एफएटीएफ की बैठकों से ठीक पहले पाकिस्तान आतंकियों की रूटीन गिरफ़्तारी करता है. एफएटीएफ पूर्ण सत्र से तीन महीने पहले जुलाई 2019 में लश्कर के संस्थापक हाफिज सईद की गिरफ्तारी पाकिस्तान को ब्लैकलिस्ट में अपग्रेड करने के निर्णय के कारण हुई थी.
अक्टूबर 2020 में अपने पिछले पूर्ण सत्र में 39 सदस्यीय एफएटीएफ ने कार्य योजना को पूरा करने के लिए पाकिस्तान को तीन महीने और देने का फैसला किया था. पाकिस्तान ने लखवी के खिलाफ कार्रवाई काफी देर से की है अगर पाकिस्तान ने पिछले साल लखवी और अजहर के खिलाफ कार्रवाई की होती, तो वे हाफिज सईद की तरह ही दोषी साबित होते.