तिब्बत में दूसरी रेल लाइन बिछाना चाहता है चीन

चीन तिब्बत को देश के दूसरे भागों से जोड़ने के लिए दूसरी रेल लाइन भी बिछाने वाला है. जिससे न केवल तिब्बत से उसका जुड़ाव बढ़ेगा बल्कि भारत के साथ लगने वाली सीमाओं तक उसके सैनिकों की पहुंच और आसान हो जाएगी.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक चीन के राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था और सामाजिक विकास पर साल 2016 से 2020 तक की 13वीं पंचवर्षीय योजना के मसौदे में कहा गया है कि नया रेल संपर्क तिब्बत स्वायत्तशासी क्षेत्र के राजधानी शहर ल्हासा और दक्षिण पश्चिमी चीन के सिचुआन प्रांत की राजधानी चेंगदू के बीच बनाया जाएगा.
यह मसौदा विचार के लिए राष्ट्रीय विधायिका को सौंपा गया है. विधायिका की मंजूरी मिलते ही इस योजना पर इसी साल से कार्य शुरू हो जायेगा. फिलहाल किंघाई तिब्बत रेलवे संपर्क तिब्बत को चीन से जोड़ता है. इसका परिचालन जुलाई 2006 में शुरू हो चुका है.
1,956 किमी लंबा यह रेल संपर्क दुनिया का सबसे ऊंचा और सबसे लंबा पठारी रेलमार्ग है. इसका विस्तार तिब्बत के अंदरूनी हिस्से तक किया गया जो कि भारत की सीमा के बेहद करीब है.
चीन ने रेलवे के विस्तार के अलावा हिमालयी क्षेत्र में पांच हवाईअड्डे भी बनाए हैं. तिब्बत में सड़क, रेल और हवाई सेवाओं के विस्तार से चीन को सीमाई क्षेत्रों में, खास कर अरुणाचल प्रदेश में अवसंरचना के विकास कार्यों के लिए सैनिकों तथा लोगों को शीघ्रता से लाने ले जाने की सुविधा होगी.