दावा- कोरोना वायरस का मिल गया इलाज, चीन की सैन्य अधिकारी ने लगाया पहला इंजेक्शन

कुछ साल पहले सार्स (SARS) और इबोला (Ebola) वारयस की वैक्सिन बनाने का श्रेय जिन शेन वेई को दिया जाता है उन्हीं शेन वेई (Chen Wei) को कोरोना वायरस (Coronavirus) का वैक्सिन को इंजेक्ट किया गया है. शेन चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (People’s Liberation Army) में एक प्रमुख-जनरल है. मंगलवार को 54 वर्षीय शेन ने अपनी टीम के छह सदस्यों के साथ खुद को एक वैक्सीन का इंजेक्शन लगाया है और ऐसा करके उन्होंने कम्युनिस्ट पार्टी के प्रति अपनी वफादारी साबित की. VICE.com की रिपोर्ट के मुताबिक शेन ने जिस वैक्सिन का इंजेक्शन लगाया है उसका अभी तक किसी जानवर पर परीक्षण नहीं किया गया है.
शेन और उनकी शोध टीम वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (Wuhan Institute of Virology) में बीते एक महीने से लगातार कोरोना वायरस के वैक्सीन को विकसित करने का काम कर रहे हैं. बता दें, चीन में कोरोना वायरस के मरीजों को प्लाज्मा थेरेपी दी जा रही है. इतना ही नहीं शेन की टीम एक ऐसे स्प्रे पर काम कर रही है जिसके कारण व्यक्ति की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाएगी और वो कोरोना वायरस का आसानी से सामना कर पाएगा.
The world's first new coronavirus vaccine was injected into the left arm of inventor Chen Wei.
— 傻熊的店 (@issca131) March 4, 2020
Dare to be the first in the world, seven Communist Party members of the expert group were vaccinated against the new coronavirus! pic.twitter.com/RMfZFVK86g
शेन ने मंगलवार को चीन के एक समाचार चैनल से बात करते हुए इस बात का दावा किया कि उन्होंने एक ऐसे टीके का अविष्कार किया है जो कोरोना वायरस को खत्म कर देगा. हालांकि टेलीविजन रिपोर्ट में इंजेक्शन के फुटेज शामिल नहीं थे, पीएलए के आधिकारियों ने बाद में Weibo चैनल के साथ शेन ने उनके बाएं हाथ में टीका लगाए जाने की तस्वीरें साझा कीं है. चित्रों में पीएलए के छह अन्य सदस्य भी दिखाई देते हैं जिन्हें कथित तौर पर टीका लगाया गया था. लेकिन बाद में चैनल से इस पोस्ट को हटा दिया है. लेकिन पोस्ट के चित्र और स्क्रीनशॉट ट्विटर सहित अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर साझा किए गए हैं.
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने सैन्य चिकित्सा विज्ञान अकादमी का दौरा किया था उसके ठीक एक दिन बाद यह खबर सामने आई है.

चीन के वुहान शहर से फैसे इस वायरस के कारण अभी तक कुल 3 हजार से अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके है. वहीं जैसे ही इस वायरस की खबर आई तब से ही दुनिया भर की तमाम लैब कोरोनोवायरस वैक्सीन विकसित करने में लगी हुई है. कई प्रयोगशालाओं ने प्रोटोटाइप टीके विकसित किए हैं जो वर्तमान में जानवरों पर परीक्षण किए जा रहे हैं. टीके की प्रभावशीलता का परीक्षण करने और किसी भी संभावित दुष्प्रभावों को उजागर करने के लिए व्यापक परीक्षणों की आवश्यकता होती है. उम्मीद लगाई जा रही है कि अगले महीने की शुरूआत से कोरोना वायरस के टीको का मानवों पर प्रयोग किया जा सकता है.

विशेषज्ञों ने शेन के इन दावों के खिलाफ चेतावनी भी जारी की है. विशेषज्ञों का कहना है कि किसी एक व्यक्ति पर इंजेक्शन का प्रयोग यह नहीं दिखा सकता है कि एक उपचार काम करता है और यह निश्चित रूप से साबित नहीं कर सकता है कि यह सुरक्षित है.
हालांकि, शेन को साल 2002 में चीन की SARS प्रतिक्रिया में योगदान के लिए एक उच्च माना गया वैज्ञानिक माना जाता है, साथ ही 2008 के सिचुआन भूकंप और पश्चिम अफ्रीका में 2014-16 के इबोला प्रकोप के लिए राहत प्रयासों में उनकी भूमिका थी. ऐसे में कई लोग उनके दावों को सही भी मान रहे है.
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First published: 5 March 2020, 11:12 IST