चीनी दूतावास ने किया था उइगुर महिलाओं पर टिप्पणी, ट्विटर ने किया अकाउंट लॉक

शिनजियांग क्षेत्र में बीजिंग सरकार की नीतियों का बचाव करने वाले एक ट्वीट के लिए ट्विटर (Twitter) ने अमेरिका में चीनी दूतावास के आधिकारिक खाते को लॉक कर दिया है. आलोचकों का कहना है कि चीन शिनजियांग (Xinjiang) में अल्पसंख्यक उइगर महिलाओं की जबरन नसबंदी में लगा हुआ है. चीनी दूतावास के अकाउंट @ChineseEmbinUS ने इस महीने सरकार समर्थित अखबार चाइना डेली के अध्ययन का हवाला देते हुए एक ट्वीट पोस्ट करते हुए कहा था कि उइगुर महिलाएं अब 'बेबी मेकिंग मशीन' नहीं हैं.
अमेरिकी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर ने कहा कि ट्वीट, जो मूल रूप से 7 जनवरी को शेयर किया गया था, ने अमानवीयकरण (dehumanisation) के खिलाफ ट्विटर की नीति का उल्लंघन किया है. दूतावास के इस ट्वीट को ट्विटर द्वारा हटा दिया गया था. हालांकि ट्विटर अपनी नीतियों का उल्लंघन करने वाले ट्वीट्स को छुपाता है, लेकिन खाता मालिकों को ऐसे पोस्ट को मैन्युअल रूप से हटाने की आवश्यकता होती है. चीनी दूतावास के खाते ने 9 जनवरी से कोई नया ट्वीट पोस्ट नहीं किया है.
ट्विटर प्रवक्ता ने गुरुवार को कहा "हमने उस ट्वीट पर कार्रवाई की है, जो आपने अमानवीयकरण के खिलाफ हमारी नीति का उल्लंघन करने के लिए संदर्भित किया है, जहां यह बताता है हम अपने धर्म, जाति, आयु, विकलांगता, गंभीर बीमारी, राष्ट्रीय मूल, जाति के आधार पर लोगों के एक समूह के निर्वनीकरण पर रोक लगाते हैं.'' वाशिंगटन में चीनी दूतावास ने अभी इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. चीन ने अपने शिनजियांग क्षेत्र में कानून के दुरुपयोग के आरोपों को बार-बार खारिज किया है, जहां संयुक्त राष्ट्र के एक पैनल ने कहा है कि कम से कम 10 लाख उइगर और अन्य मुसलमानों को शिविरों में हिरासत में लिया है.
मंगलवार को तत्कालीन कार्यवाहक अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने कहा कि उइघुर अल्पसंख्यकों के खिलाफ चीन की कार्रवाई नरसंहार है. पिछले साल, वॉशिंगटन स्थित जेमस्टाउन फाउंडेशन थिंक टैंक द्वारा प्रकाशित जर्मन शोधकर्ता एड्रियन ज़ेनज़ की एक रिपोर्ट में चीन पर आरोप लगाया गया था कि चीन मुसलमानों के खिलाफ जबरन नसबंदी, जबरन गर्भपात जैसे अभियान चला रह है.
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