अमेरिकी इमरजेंसी सेवा 911 पर साइबर अटैक करने वाला भारतीय मूल का किशोर गिरफ्तार

अमेरिका की इमरजेंसी सेवा 911 पर साइबर अटैक के आरोप में एक भारतीय मूल के किशोर को गिरफ्तार किया गया है. वहीं, किशोर का कहना है कि एक छोटा सा नुकसान न पहुंचाने वाला मजाक था, जो गलत साबित हो गया.
यह मामला एरिजोना का है जहां पर पुलिस कार्यालय में 911 पर 100 से ज्यादा कॉल आने पर मीतकुमार हितेशभाई देसाई को सरप्राइज पुलिस डिपार्टमेंट ने हिरासत में ले लिया.
मैरीकोपा काउंटी शेरिफ ऑफिस द्वारा जारी बयान में बताया गया कि शेरिफ कार्यालय ने मीतकुमार को 911 सिस्टम पर साइबर अटैक करने के आरोप में गिरफ्तार किया. देसाई ने संभवता कंप्यूटर से भी तीन बार छेड़छाड़ की थी.
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एरिजोना रिपब्लिक द्वारा जारी रिपोर्ट के मुताबिक क्रिटिकल इंफ्रास्ट्रक्चर में छेड़छाड़ से फिनिक्स समेत अन्य स्टेट्स के 911 सिस्टम में गड़बड़ी आ गई. जांच दल ने कॉल का पता लगाया और पाया कि यह कॉल्स ट्विटर पर पोस्ट किए गए एक लिंक से आ रही हैं.
यह लिंक 'मीत देसाई' नाम की एक वेबसाइट का था और इसका डोमेन सैन फ्रैंसिस्को में था. जब इस लिंक को क्लिक किया जाता था, यह लगातार 911 पर कॉल मिलाने लगता था और कॉलर को इसे बंद करने का मौका नहीं देता था.
शेरिफ ऑफिस के मुताबिक इसके बाद पेओरिया पुलिस और एमसीएसओ के पास ढेर सारी कॉल्स आ गईं और इनमें इतनी ताकत थी कि वे मैरिकोपा काउंटी की 911 सेवाओं को ठप कर दे.
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एमसीएसओ डिटेक्टिव्स ने मीत की पहचान की और बीते बुधवार को उन्हें पूछताछ के लिए ले गए. शेरिफ ऑफिर के मुताबिक, "मीत का दावा है कि उसका मकसद नुकसान न पहुंचाने वाला लेकिन परेशान करने वाला बग बनाना था, जिसे वो फनी मानता था."
मीत ने जांचकर्ताओं को बताया कि एक 'बग' के साथ उसके एक दोस्त ने उससे संपर्क किया. मीत ने इसके बात इस बग को खुद से लिखी कोडिंग के साथ ट्वीक किया जिससे यह पॉप-अप्स खोल देता है और एक ई-मेल ऐप को खोलने का संकेत देने के साथ आईओएस डिवाइसों पर ऑटोमैटिक टेलीफोन डायलिंग शुरू कर देता था.
मीत ने पुलिस को बताया कि उसे कंप्यूटर प्रोग्राम, बग्स और वायरसों में दिलचस्पी है जिन्हें वो बदलने सकता है. मीत का कहना है कि इस तरह के बग की खोज के लिए एप्पल कंपनी को उसे ईनाम और क्रेडिट देना चाहिए.
एमसीएसओ साइबर क्राइम यूनिट ने मीत के घर की छानबीन की और इन्हें फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा जाएगा.