इन पांच वजहों से I फॉर I यानी इंडिया के लिए इज़रायल अहम है

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इजरायल के राष्ट्रपति रुवेन रिवलिन से मुलाकात के दौरान कहा था- आई फॉर इंडिया और आई फॉर इजरायल. यानी इंडिया इजरायल के लिए है और इजरायल इंडिया के लिए है." पीएम मोदी ने भारत-इजरायल दोस्ती का जिक्र करते हुए कहा था कि आई विद इजरायल और आई विद इंडिया यानी भारत इजरायल के साथ है और इजरायल भारत के साथ. एक नज़र उन पांच वजहों पर जो बताती हैं कि भारत के लिए इज़रायल अहम क्यों है?

1. रक्षा क्षेत्र
स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट के मुताबिक, इजरायल के लिए भारत शीर्ष हथियार खरीदारों में से एक है. साल 2012 से 2016 के बीच इजरायल द्वारा किए गए कुल हथियार निर्यात में 41 फीसदी हिस्सा केवल भारत का था. इजरायल भारत के लिए तीसरा सबसे बड़ा हथियारों का स्रोत है, जिसके तहत 2012 से 2016 के बीच हुए आयात में अमेरिका (14 प्रतिशत), रूस (68 प्रतिशत) के बाद इजरायल की 7.2 प्रतिशत की हिस्सेदारी थी.
दोनों देशों के बीच सहयोग के शुरुआती संकेत 1962 में भारत-चीन युद्ध के दौरान देखने को मिले थे, जब इजरायल ने भारत को सैन्य सहायता प्रदान की थी. इजरायल ने पाकिस्तान के साथ दो युद्धों के दौरान भी भारत की सहायता की. भारत के असैन्य हवाई वाहनों (यूएवी) का आयात भी ज़्यादातर इजरायल से होता है. इजरायल से खरीदे गए 176 यूएवी में से 108, खोजी यूएवी हैं और 68 हेरोन यूएवी हैं.
अप्रैल 2017 में, भारत और इजरायल ने एक उन्नत मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली के लिए दो अरब डॉलर के सौदे पर हस्ताक्षर किए थे, जो भारतीय सेना को 70 किलोमीटर तक की सीमा के भीतर विमान, मिसाइल और ड्रोन को मार गिराने की क्षमता प्रदान करता है.
भारत ने इस साल मई में इजरायल निर्मित स्पाइडर त्वरित प्रतिक्रिया युक्त सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया था. भारतीय वायुसेना (आईएएफ) इस प्रणाली को अपनी पश्चिमी सीमा पर तैनात करने की योजना बना रही है. आतंकवाद के खिलाफ एक संयुक्त कार्यसमूह के माध्यम से भारत और इजरायल आतंकवाद के मुद्दों पर भी घनिष्ठ सहयोग करते हैं.

2. कूटनीति
इजरायल के लिए मोदी के दौरे से पहले भी कई मंत्री स्तरीय और उच्चस्तरीय आधिकारिक दौरे हो चुके हैं. 2000 में तत्कालीन गृहमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी, 2008 में पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम, 2014 में गृहमंत्री राजनाथ सिंह, 2015 में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और 2016 में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज इजरायल का दौरा कर चुकी हैं.
दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों के 25 साल के प्रतीक के रूप में तीन भारतीय नौसैन्य जहाजों, विध्वंसक आईएनएस मुंबई, युद्धपोत आईएनएस त्रिशूल और टैंकर आईएनएस आदित्य ने मई 2017 में हाइफा बंदरगाह पर एक सद्भावना यात्रा की थी.
3. कृषि
2015 से 2018 तक के लिए भारत-इजरायल कृषि कार्य योजना संचालित हो रही है, और भारतीय किसानों के समक्ष नवीनतम तकनीक का प्रदर्शन करने वाले प्रस्तावित 26 कृषि उत्कृष्टता केंद्रों में से 15 इजरायल की मदद से विकसित किए जा रहे हैं. हरियाणा में करनाल के घरुंड में स्थित कृषि उत्कृष्टता केंद्र पर हर साल 20,000 से अधिक किसान जाकर लाभ लेते हैं.

4. जल प्रबंधन
28 जून, 2017 को कैबिनेट ने भारत में जल संरक्षण के राष्ट्रीय अभियान के लिए इजरायल के साथ सहमति पत्र (एमओयू) को मंजूरी दी थी. टेक्नॉलोजी में माहिर इजरायल ने जल प्रबंधन प्रौद्योगिकी विकसित की है, क्योंकि ताज़ा पेयजल के सीमित स्रोतों के साथ वह एक अर्ध-शुष्क क्षेत्र में स्थित देश है.
इससे पहले भारत और इजरायल ने नवंबर 2016 में जल संसाधन प्रबंधन और विकास सहयोग पर एक एमओयू साइन किया था.
5. व्यापार
इजरायल 2016-17 में भारत का 38वां सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार रहा है, जिसके तहत 5.02 अरब डॉलर (33,634 करोड़ रुपये) का व्यापार हुआ, जो 2012-13 के मुकाबले 18 फीसदी कम था. भारत के पक्ष में व्यापार संतुलन 2016-17 में 1.10 अरब डॉलर (7,370 करोड़ रुपये) रहा था. भारत ने इजरायल को 2016-17 में 1.01 अरब डॉलर मूल्य के खनिज ईंधन और तेलों के निर्यात किए थे.
(समाचार एजेंसी IANS से मिले इनपुट के साथ)
