आत्मकथा से नोबेल विजेता मलाला बनीं मिलियनेयर

पाकिस्तान में लड़कियों की शिक्षा की बुलंद आवाज बन चुकीं नोबेल पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफजई अब करोड़पति बन गई हैं.
इसके पीछे मलाला की बेस्टसेलर बुक और दुनिया भर में उनके मोटिवेशनल लेक्चर्स से मिलने वाली आय है. 18 साल की मलाला को तालिबानी आतंकवादियों ने सिर में गोली मार दी थी.
हालांकि लंदन में काफी अरसे तक चले इलाज के बाद वो बच गई थीं. इसके बाद मलाला ने स्वात घाटी में बिताई अपनी जिंदगी के बारे में जीवनी ‘आई एम मलाला’ लिखी.
'आई एम मलाला' आत्मकथा
इस किताब को उन्होंने संडे टाइम्स के पत्रकार क्रिस्टिना लैंब के साथ मिलकर लिखा था. किताब को पब्लिश करने को लेकर मलाला और प्रकाशक के बीच करीब 18 करोड़ रुपए में समझौता हुआ था.
मलाला ने किताब के कॉपीराइट्स को सुरक्षित करने के लिए एक कंपनी बनाई है. 2015 में इस कंपनी के बैंक अकाउंट में 20 करोड़ रुपए से ज्यादा थे. कंपनी ने बिना टैक्स की कटौती के 10 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया था.
टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक मलाला के पिता जियाउद्दीन यूसुफजई और उनकी मां तूर पेकई सलारजई उस लिमिटेड कंपनी के ज्वाइंट शेयर होल्डर्स हैं. अब वे लंदन के बर्मिंघम इलाके में रह रहे हैं और यहीं पर मलाला भी आगे की पढ़ाई कर रही हैं.
2014 में मिला नोबेल पुरस्कार
मलाला यूसुफजई और भारत में बचपन बचाओ मुहिम से जुड़े कैलाश सत्यार्थी को 2014 में संयुक्त रूप से शांति का नोबेल पुरस्कार दिया गया था.
मलाला को पाकिस्तान के कबायली इलाकों में लड़कियों की शिक्षा की मुहिम चलाने के लिए तालिबान आतंकियों की गोली का निशाना बनना पड़ा था.