122 में से एक व्यक्ति पलायन को मजबूरः संयुक्त राष्ट्र

संयुक्त राष्ट्र की शुक्रवार को जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक साल 2015 में एक साल में युद्ध और हिंसा के कारण अपने ही देश से पलायन करने वाले लोगों की संख्या बढ़ गयी है. संयुक्त राष्ट्र की शरणार्थी एजेंसी द्वारा पेश इस वार्षिक रिपोर्ट के नतीजे चौंकाने वाले हैं. इसमें बताया गया है कि शरणार्थियों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है.
यूएनएचसीआर के अनुसार, "इस साल करीब 10 लाख लोगों ने शरणार्थियों और विस्थापितों के रूप में भूमध्य सागर पार किया है. वहीं, सीरिया व अन्य जगहों पर हो रही हिंसा ने मानवीय पीड़ा को बढ़ा दिया है."
पिछले साल विश्वभर में रिकॉर्ड 5 करोड़ 95 लाख लोगों ने अपने घरों से पलायन किया था. इस साल की रिपोर्ट में यह 'आंकड़ा बढ़कर 6 करोड़' हो गया है. एजेंसी की मानें तो आज दुनिया में हर 122 में से एक व्यक्ति को अपना घर छोड़ने को मजबूर किया जा रहा है.
रोजाना 4,600 शरणार्थी पलायन को मजबूर
संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी प्रमुख एंटोनियो के बयान के मुताबिक, "जबरन विस्थापन गंभीरता से अब हमारे वक्त को भी प्रभावित कर रहा है. जो लोग अपना सबकुछ खो चुके हैं, उनके लिए कभी भी सहिष्णुता, करुणा और एकजुटता आवश्यक नहीं मानी गई."
रिपोर्ट बताती है कि इस वर्ष की पहली छमाही में करीब 50 लाख नए व्यक्तियों ने पलायन किया. जिनमें 42 लाख अपने ही देशों में रहे जबकि 8 लाख 39 हजार सीमा पार कर दूसरे देशों में पलायन कर गए. यानी रोजाना करीब 4,600 लोग शरणार्थी बन रहे हैं.
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जून के आखिरी तक 2 करोड़ 20 हजार लोग शरणार्थी के तौर पर रह रहे थे. जो साल 2011 के आंकड़ों से करीब 45 फीसदी अधिक है. यूनएचसीआर की मानें तो इसकी मुख्य वजह सीरिया है जिसके चलते जून अंत तक करीब 42 लाख लोग शरणार्थी बनने को मजबूर हुए.
एजेंसी के मुताबिक वर्ष 2011 से 2015 मध्य तक महज 5 फीसदी की दर से ही वैश्विक स्तर पर शरणार्थियों की संख्या बढ़ी है.
चौंकाने वााले तथ्य
- शरणार्थियों को पनाह देने के मामले में जर्मनी दुनिया में सबसे आगे है. यहां जून से लेकर अब तक 1 लाख 59 हजार से ज्यादा शरणार्थियों को पनाह दी गई.
- इस सूची मे रूस का स्थान दूसरा है, जिसने 2015 की शुरुआत में एक लाख शरणार्थियों को जगह दी. इनमें अधिकांश वो लोग शामिल थे जो यूक्रेन में हुई हिंसा के कारण पलायन कर गए थे.
- अगर आंतरिक रुप से विस्थापितों की बात करें तो ऐसे लोगों और इनमें से उनको घटा दिया जाए जो अपने घर युद्ध की मार झेल रहे हैं, तो यमन में भी साल के मध्य तक 9 लाख 33 हजार 500 नए आंतरिक शरणार्थियों ने जगह ली.
- वहीं, यूक्रेन के आंतरिक शरणार्थियों की संख्या 5 लाख 59 हजार और कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य ने 5 लाख 58 हजार लोगों को नए आंतरिक विस्थापितों के रूप में गिना.