सीज़फ़ायर उल्लंघन पर पाकिस्तान ने भारतीय राजदूत को दो बार किया तलब

पाकिस्तान ने गुरुवार को लगातार दूसरे दिन भारतीय उप उच्चायुक्त को तलब किया और जम्मू एवं कश्मीर में संघर्ष विराम के उल्लंघन पर अपना औपचारिक विरोध दर्ज कराया. पाकिस्तान ने इस संघर्ष विराम उल्लंघन के परिणामस्वरूप अपने दो नागरिकों की मौत होने का दावा किया है.
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कहा, "विदेश मंत्रालय में दक्षिण एशिया के महानिदेशक ने भारतीय दूत को तलब किया और नियंत्रण रेखा(एलओसी) से लगे निकीअल और नेजापीर सेक्टर में भारतीय जवानों द्वारा अकारण संघर्ष विराम उल्लंघन की निंदा की."
एक बयान में कहा गया, "नियंत्रण रेखा पर संयम की बात के बावजूद भारत लगातार संघर्ष विराम उल्लंघन में शामिल है. 2017 में आज की तारीख तक भारतीय जवानों ने नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास 594 बार संघर्ष विराम का उल्लंघन किया है."
भारतीय दूत से कहा गया, "लगातार नागरिकों को निशाना बनाया जाना वास्तव में दुखद और यह मानव गरिमा और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकारों एवं मानवीय कानूनों के विपरीत है."
विदेश मंत्रालय में महानिदेशक ने भारत से 2003 के संघर्ष विराम समझौते का पालन करने और युद्ध विराम उल्लंघन करने की घटनाओं की जांच करने का आग्रह भी किया. पाकिस्तान और भारत ने नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम की घोषणा की थी. नियंत्रण रेखा कश्मीर को दोनों देशों के बीच बांटती है.
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने बुधवार को भी भारतीय दूत को तलब किया था और कहा कि भारत को जम्मू एवं कश्मीर में मध्यस्थता की भूमिका के लिए भारत और पाकिस्तान में संयुक्त राष्ट्र के पर्यवेक्षक समूह को आने की अनुमति देना चाहिए.