पनामा पेपर्स: दो जजों ने कहा- नवाज़ शरीफ़ PM पोस्ट के काबिल नहीं, जांच का आदेश

पनामा पेपर्स मामले में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ की मुश्किल बढ़ गई है. सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की बेंच ने प्रधानमंत्री नवाज शरीफ़ के खिलाफ इस मामले में जांच का आदेश दिया है. संयुक्त जांच टीम को दो महीने में जांच पूरी करने का आदेश देते हुए सुप्रीम कोर्ट को दो जजों ने नवाज़ शरीफ़ को पीएम पद पर अयोग्य बताया.
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के तीन जजों ने कहा कि इस मामले में अभी और जांच की जरूरत है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ज्वाइंट इंवेस्टीगेशन टीम कतर में पैसा भेजने के आरोपों की भी तफ्तीश करेगी.
दोनों बेटों को भी हाजिर होने का आदेश
पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने नवाज़ शरीफ़ के अलावा उनके दो बेटों हसन नवाज़ और हुसैन नवाज़ को संयुक्त जांच टीम के सामने हाजिर होने का आदेश दिया है. इस आदेश के बाद पाकिस्तान में नवाज़ शरीफ़ के सियासी भविष्य पर संकट खड़ा हो गया है.
पाकिस्तान की विपक्षी पार्टियों तहरीक-ए-इंसाफ, जमात-ए-इस्लामी, आवामी मुस्लिम लीग ने नवाज शरीफ के खिलाफ याचिका दाखिल की थी. पिछले साल अप्रैल में पनामा पेपर्स मामले का खुलासा होने से पाकिस्तान की राजनीति में हड़कंप मच गया था.
बचाव और अभियोजन पक्ष की दलीलें सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने 23 फरवरी को फैसला सुरक्षित रखा था. सुप्रीम कोर्ट में पांच जजों की बेंच के मुखिया जस्टिस आसिफ सईद खोसा ने इस केस की सुनवाई की थी. इस बेंच के अन्य सदस्य जस्टिस एजाज अफजल, जस्टिस गुलजार अहमद, जस्टिस शेख अजमत और जस्टिस एजाज उल हसन हैं.
#PanamaCase in Pakistan SC: 3 judges say further investigation needed; 2 judges say PM Nawaz Sharif should be disqualified,reports Pak Media
— ANI (@ANI_news) April 20, 2017

क्या है आरोप?
पनामा पेपर्स लीक से जानकारी मिली थी कि पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के बेटों के स्वामित्व वाली कुछ कंपनियां हैं जो बाहरी मुल्कों में कारोबार कर रही हैं, जिनका लेन-देन लाखों डॉलर में है. हालांकि पनामा पेपर्स में उनके नाम का जिक्र नहीं है.
- 1990 के दशक में नवाज शरीफ पर मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए लंदन में संपत्ति खरीदने का आरोप है.
- नवाज शरीफ और उनके परिवार पर गैर-कानूनी तरीके से विदेशों में पैसे भेजने का आरोप है.
- आरोप है कि ब्रिटेन में फर्जी कंपनियां बनाकर विदेश में करोड़ों डॉलर की प्रॉपर्टी बनाई गई.
- अमेरिका के खोजी पत्रकारों के महासंघ ने पनामा पेपर्स लीक का खुलासा अप्रैल 2016 में किया.
- पनामा की लॉ फर्म के 1.15 करोड़ टैक्स डॉक्युमेंट्स लीक होने के बाद पर्दाफाश.
- ये दस्तावेज पनामा की कंपनी मोसाक फोंसेका के थे, जिसको जर्मन अखबार में छापा गया.
- पनामा पेपर्स लीक में दुनिया भर के 140 राजनेताओं और अरबपतियों की छिपी संपत्ति का खुलासा.
- नवाज़ शरीफ़ की कथित संपत्ति के मामले का ख़ुलासा भी पनामा पेपर्स के जरिए हुआ.