Facebook Live के दौरान रिपोर्टर की फायरिंग में मौत

निकारगुआ में सरकार के खिलाफ चल रहे विरोध प्रदर्शन को कवर कर रहे एक पत्रकार की गोली लगने से मौत हो गयी. स्थानीय पत्रकार और एल मेरीदिआनो प्रोग्राम के निर्देशक एंजेल गहोना देश के दक्षिणी कैरीबियाई तट स्थित ब्लूफील्ड्स शहर से लाइव रिपोर्टिंग कर रहे थे.
रिपोर्ट के अनुसार, गहोना सोशल मीडिया फ़ेसबुक पर लाइव ब्रॉडकास्ट करते समय मारे गए. सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जो स्थानीय मीडिया के अनुसार गहोना का बताया जा रहा है.
वीडियो में रिपोर्टर (गहोना) लोगों के प्रदर्शन के दौरान मेयर कार्यालय को हुए नुकसान के बारे में बता रहे थे. हालांकि ये अभी तक पुष्टि नहीं हुई है कि गोली किसने चलाई.
सोशल मीडिया ट्वीटर के एक यूजर बताते हैं, ये एंजेल गहोना है. इनकी मौत फ़ेसबुक लाइव के दौरान हुई है. ब्लूफील्ड में पुलिस और प्रदर्शकारियों के बीच तनाव फैलने पर गोली चलती है और वे वहीं गिर जाते हैं.
वे आगे लिखते हैं कि एंजेल गोली लगने से पहले अपने लाइव में बताते है कि 'पुलिस आ रही है और हमें सहारे की ज़रूरत है.'
Este es el colega Ángel Gahona. Su muerte quedó grabada en el Facebook Live que realizaba. Transmitía el enfrentamiento entre policías y ciudadanos de Bluefields. Antes de ser impactado dijo: "Viene la Policía, vamos a buscar dónde refugiarnos". Se cruza la calle y cae pic.twitter.com/UF9Au75WXD
— Wilfredo Miranda Aburto (@PiruloAr) April 22, 2018
क्या है मामला
बुधवार से निकारगुआ में सामाजिक सुरक्षा और पेंशन में सुधार के लिए सरकार के विरोध में प्रदर्शन किया जा रहा है.दरअसल मजदूरों और नौकरीपेशा लोगों की पेंशन में मिलने वाले लाभ में 5 प्रतिशत की कमी की गई है. इसके विरोध में प्रदर्शन हो रहा है.
राष्ट्रपति डेनियल ऑर्टेगा ने घोषणा की थी कि इसमें सुधार करने के लिए इस पर विचार किया जायेगा. लेकिन इसके बावजूद भी निकारगुआ में सरकार के खिलाफ़ प्रदर्शन जारी रहा.राष्ट्रपति ऑर्टेगा ने बात करने का प्रस्ताव रखा था लेकिन प्रदर्शनकारियों के नेता ने इसे मानने से मना कर दिया. उनका कहना है कि पहले पुलिस द्वारा की जा रही हिंसा को रोका जाए. पोप फ्रांसिस ने पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हुए मतभेद और हिंसा को शांति से खत्म करने के लिए कहा है.
2007 में पदभार संभालने के बाद से ऑर्टेगा के विरोध में ये प्रदर्शन सबसे बड़ी चुनौती बन गई है. उन्होंने कहा कि नये नियम एक जुलाई से शुरू होंगे. इसलिए सरकार और निजी क्षेत्र के बीच बातचीत करने का समय है. विरोध प्रदर्शनकारियों ने हिंसा के लिए पुलिस और सरकारी समर्थकों को ज़िम्मेदार ठहराया.
First published: 23 April 2018, 10:11 IST