थ्येनआनमन स्क्वॉयरः दबा दिया गया सच, लेकिन भूला नहीं है

कल्ट क्लासिक फिल्म वी फॉर वेंडेट्टा का सबसे यादगार दृश्य वो है, जिसमें नाममात्र का किरदार वी बार-बार गोली मारने के बावजूद बिना गिरे अपनी यह यादगार लाइनें बोलता है, "इस मुखौटे के नीच मांस से भी ज्यादा बहुत कुछ है. इस मुखौटे के नीचे एक विचार है... और विचार बुलेटप्रूफ होते हैं."
बहुत कम ही ऐसे उदाहरण है जो हजारों चीनी प्रदर्शनकारियों के उस हौसले को बताते हैं जिसने आधुनिक इतिहास में किसी सरकार को सबसे क्रूर कानूनी कार्रवाई का करने पर मजबूर किया. वी फॉर वेंडेटा का वह डॉयलॉग शायद थ्येनआनमन स्क्वायर पर घटी घटना के लिए सबसे मुफीद है.

त्यानआनमेन चौक नरसंहार या फिर 4 जून की घटना कई हफ्तों तक लोकतंत्र के समर्थन में चले छात्रों के प्रदर्शन के बाद हुई थी. कम्युनिस्ट पार्टी के पूर्व महासचिव हू याओबैंग के नेतृत्व में मध्य बीजिंग स्थित थ्येनआनमन चौक पर प्रदर्शनकारियों ने कब्जा कर लिया.

वे चाहते थे कि कम्यूनिस्ट पार्टी के भीतर के कट्टरपंथियों द्वारा अपदस्थ करने से पहले जिस उदारवादी और प्रगतिशील चीन की मांग के लिए याओबैंग खड़े हुए थे, चीन को वैसा बनाया जाए.

हर ओर से इसे समर्थन मिलने और सात हफ्तों के प्रदर्शन के बाद चीन सरकार द्वारा कड़ी कार्रवाई करते हुए क्रूरतापूर्वक इसका दमन कर दिया गया.

सरकार ने बीजिंग में मार्शल लॉ लगा दिया और प्रदर्शनकारियों से निपटने के लिए सशस्त्र सैनिकों और टैंकों को भेज दिया.

जल्द ही थ्येनआनमन चौक पर सेना को पहुंचने से रोकने की कोशिश में जुटे निहत्थे प्रदर्शनकारियों को सामूहिक रूप से गोलियों से भून डाला गया.

चीनी सरकार ने इस विरोध प्रदर्शन को तो दबा दिया लेकिन एक बार ऐसा करने के बाद इसकी अपराजेयता खत्म हो गई.

यह तस्वीरें उस घटना के दौरान संघर्ष, हिंसा और क्रांति की भावना की प्रतीक हैं.

