लोकसभा चुनाव 2019 में वोटिंग का बन सकता है रिकॉर्ड लेकिन लाभ बीजेपी को होगा ?

लोकसाभा चुनाव 2019 अपने अंतिम चरण में पहुंच चुका है. माना जा रहा है कि वोटर इस बार अधिक मतदान का रिकॉर्ड बना सकते हैं. एक रिपोर्ट के अनुसार 2019 के लोकसभा चुनाव में कुल वोटिंग के 67 फीसदी होने की उम्म्मीद है. साल 2014 में 66.4 फीसदी मतदान हुआ था. निर्वाचन आयोग (ईसीआई) के पास उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, पहले चार चरणों में मतदाता 69.5 प्रतिशत (प्रथम चरण), 69.44 प्रतिशत (द्वितीय चरण), 68.4 प्रतिशत (तृतीय चरण) और 65.51 (चौथा चरण) वोटिंग हुई थी.
एक नोमुरा की रिपोर्ट के अनुसार निर्वाचन क्षेत्र आधारित तुलना यह बताती है कि पहले चार चरणों (लगभग 69 प्रतिशत सीटें) में राजस्थान, मध्य प्रदेश, झारखंड, झारखंड की प्रमुख भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के गढ़ों में मतदाता की भागीदारी में वृद्धि हुई. रिपोर्ट में कहा गया है दो आउटलेर्स आंध्र प्रदेश और केरल हैं, मतदान अधिक था, लेकिन भाजपा की संभावनाएं पारंपरिक रूप से कमजोर रही हैं.
तो क्या भाजपा / NDA को इस उच्च मतदाताओं का लाभ होगा या वह सत्ता विरोधी लहर का शिकार होगी? नोमुरा के अनुसार पिछले लोकसभा चुनावों में उच्च और निम्न दोनों मतदानों के दौरान सत्ता-विरोधी परिणामों का सामना करना पड़ा है. एक तरफ, बढ़े हुए मतदाता असंतोष की एक मजबूत भावना का संकेत दे सकते हैं.
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