सुमित्रा महाजन को टिकट के लिए इंतज़ार क्यों करवा रही है BJP, नाम के आगे नहीं लगाया चौकीदार

इंदौर से आठ बार जीत हासिल करने के बाद भी लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन को आगामी चुनावों में टिकट देने पर भाजपा अभी फैसला नहीं कर पायी है. यहां 19 मई मतदान होना है. ख़बरों की माने तो महाजन इस इंतज़ार से नाराज हैं. वहीं कांग्रेस का कहना है कि वह जल्द यहां अपने उम्मीदवार का फैसला करेगी.
सुमित्रा महाजन अगले महीने 76 साल की हो जाएंगी और भाजपा का मानना रहा है कि वह 75 साल से ऊपर के नेताओं को टिकट नहीं देती है. महाजन के नाम की घोषणा में देरी से इसी बात की संभावना जताई जा रही है. रविवार को सुमित्रा महाजन इंदौर में बीजेपी के ''मैं भी चौकीदार'' कार्यक्रम में शामिल नहीं हुई. वह उन चंद वरिष्ठ नेताओं में शामिल हैं जिन्होंने ट्विटर पर अपने नाम के आगे चौकीदार नहीं लगाया है.
भाजपा ने मध्य प्रदेश में अब तक 29 सीटों में से 18 सीटों के लिए उम्मीदवारों का नाम घोषित किया है. इंदौर में बीजेपी का गढ़ माना जाता है. कुछ हफ़्ते पहले महाजन ने सुझाव दिया था कि वह इस बार अपना आखिरी चुनाव लड़ सकती हैं. 2014 में महाजनने इंदौर से 4.66 लाख वोटों से जीत हासिल की थी.
यह मार्जिन आश्चर्यजनक था क्योंकि वह 2009 में कांग्रेस के प्रतिद्वंद्वी से केवल 11,480 अधिक वोट प्राप्त करने से बच गई थी, हालांकि इससे पहले उसकी अधिकांश जीत एक लाख से अधिक मतों से हुई थी. सूत्रों ने कहा कि 2014 की जीत के अंतर के साथ उन्होंने एक ही निर्वाचन क्षेत्र और एक ही पार्टी से लगातार जीत का रिकॉर्ड बनाया.
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भाजपा के दो नेताओं के बीच प्रतिद्वंद्विता को अक्सर 'ताई बनाम भाई' के रूप में वर्णित किया जाता है. जब विजयवर्गीय को सांसद के बाहर भाजपा द्वारा संगठनात्मक जिम्मेदारी दी गई, तो यह सोचा गया कि इससे महाजन को फायदा पहुंचेगा. इस बीच कांग्रेस इंदौर में बढ़ रही है, और पिछले साल के विधानसभा चुनावों में उसने यहां नौ विधानसभा सीटों में से चार जीती थी. 1989 में कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री पी सी सेठी को पराजित करने के बाद से महाजन ने अपना राजनीतिक करियर शुरू किया था.
First published: 2 April 2019, 10:12 IST