असम: 40 लाख अवैध नागरिकों पर बोले सुब्रमण्यम स्वामी- धर्मशाला नहीं है भारत, बाहर करो

असम में आज नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स का अंतिम ड्राफ्ट जारी किया गया. इस ड्राफ्ट के अनुसार राज्य में 2 करोड़ 89 लाख 83 हजार 677 लोगों को वैध नागरिक माना गया. लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि लगभग 40 लाख लोगों को अवैध नागरिक माना गया है. इसके बाद इस पर राजनीति तेज हो गई है.
एनआरसी का फाइनल ड्राफ्ट आने पर बीजेपी के नेता सुब्रमण्यम स्वामी का कहना है कि जो भारतीय नागरिक नहीं हैं उन्हें बाहर भेज दिया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि भारत कोई धर्मशाला नहीं है. वहीं केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि किसी भी भारतीय नागरिक पर इसका असर नहीं पड़ना चाहिए. हम असम सरकार की पहल को धन्यवाद देते हैं जिसने देश में पहली बार इस तरह का कदम उठाया.
People checking their names on the draft list at a National Register of Citizens Centre in Guwahati. Out of 3.29 crore people, names of around 40 lakh people were found to be ineligible. #NRCAssam pic.twitter.com/ZwcSfJscg7
— ANI (@ANI) July 30, 2018
गिरिराज सिंह ने कहा कि घुसपैठियों के खिलाफ सभी राजनीतिक दलों को एकजुट होकर समर्थन करना चाहिए. दुनिया का कौन सा देश होगा जो घुसपैठियों के खिलाफ आवाज नहीं उठाएगा. कांग्रेस इसके लिए जिम्मेदार है जिसने वोट के लालच में पाप किया.
हालांकि गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि एनआरसी की आज जारी की गई लिस्ट सिर्फ मसौदा है अंतिम लिस्ट नहीं है. हर किसी को इसके खिलाफ कानून के तहत शिकायत या आपत्ति करने का अधिकार है. हर किसी की शंका का समाधान किया जाएगा.
Even someone whose name is not in the final list can approach the foreigners tribunal. No coercive action will be taken against anyone, hence there is no need for anyone to panic: Home Minister Rajnath Singh #NRCAssam pic.twitter.com/FID1naBChb
— ANI (@ANI) July 30, 2018
वहीं अन्य दलों ने बीजेपी सरकार की मंशा पर सवाल उठाए. असम कांग्रेस के अध्यक्ष रिपुन बोरा का कहना है कि 40 लाख लोग बहुत बड़ी संख्या है और उनका नागरिकता में नाम न होना बहुत चौंकाने वाले हैं. इसके पीछे बीजेपी की राजनीतिक मंशा हो सकती है. उन्होंने कहा कि हम संसद में इस मुद्दे को उठाएंगे.
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इसके अलावा शिवसेना सांसद अरविंद सावंत ने भी अवैध लोगों को बाहर करने का समर्थन किया. उन्होंने कहा कि जिन लोगों का नाम एनआरसी लिस्ट में नहीं है, उन्हें भारत से बाहर कर दिया जाना चाहिए. इसके लिए चुनाव आयोग भी दोषी है. बांग्लादेशियों को बाहर किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि सरकार के लिए यह आंख खोलने वाली स्थिति है. ऐसा ही सर्वे महाराष्ट्र और देश के अन्य हिस्सों में भी कराया जाना चाहिए.
First published: 30 July 2018, 12:53 IST