अमित शाह के 'एक राष्ट्र, एक भाषा' वाले बयान पर DMK ने PM मोदी से मांगी सफाई

देश में एक बार फिर से हिंदी भाषा को लेकर विवाद छिड़ गया है. द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) के प्रमुख एमके स्टालिन का कहना है कि यदि प्रधानमंत्री मोदी गृह मंत्री अमित शाह के 'एक राष्ट्र, एक भाषा' वाले बयान पर अपनी राय स्पष्ट नहीं करते हैं तो उनकी पार्टी इसका विरोध करेगी. एएनआई के मुताबिक स्टालिन ने कहा, "हम लगातार हिंदी थोपने का विरोध कर रहे हैं. आज अमित शाह द्वारा की गई टिप्पणी ने हमें झटका दिया है. यह देश की एकता को प्रभावित करेगा. हम मांग करते हैं कि वह अपना बयान वापस ले.” स्टालिन ने कहा कि उनकी पार्टी सोमवार को अपनी कार्यकारी पार्टी की बैठक में इस मामले पर चर्चा करेगी. एक ट्वीट में स्टालिन ने भारतीय जनता पार्टी से एक भाषा के विचार को वापस लेने के लिए कहा.
இந்திதான் இந்தியாவின் ஒருமைப்பாட்டுக்கு உகந்த மொழி என @AmitShah அவர்கள் கூறியுள்ள கருத்தை திரும்பப் பெற வேண்டும்.
— M.K.Stalin (@mkstalin) September 14, 2019
இது இந்தியா.‘இந்தி’யா அல்ல என எச்சரிக்கும் அதேவேளையில் பிரதமர் @narendramodi அவர்கள் இதுகுறித்த தன்னுடைய நிலையை தெளிவுபடுத்த வேண்டும் என கேட்டுக் கொள்கிறேன். 1/2 pic.twitter.com/wDgSadWYg3
कांग्रेस नेता बृजेश कलप्पा ने कहा "हम एक एकता प्रणाली नहीं हैं, हम एक संघीय प्रणाली हैं. हम कई भाषाओं के देश हैं. यह स्वीकार्य नहीं है." पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी शाह का विरोध किया. उन्होंने कहा "हमें सभी भाषाओं और संस्कृतियों का समान रूप से सम्मान करना चाहिए, उसने एक ट्वीट में कहा "हम कई भाषाएं सीख सकते हैं लेकिन हमें अपनी मातृ भाषा को कभी नहीं भूलना चाहिए."
अमित शाह ने क्या कहा था ?
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को कहा कि वैश्विक स्तर पर भारत की पहचान के लिए पूरे देश के लिए एक भाषा बेहद महत्वपूर्ण है. शाह ने ट्वीट किया ''भारत विभिन्न भाषाओं का देश है और हर भाषा का अपना महत्व है परन्तु पूरे देश की एक भाषा होना अत्यंत आवश्यक है जो विश्व में भारत की पहचान बने. आज देश को एकता की डोर में बाँधने का काम अगर कोई एक भाषा कर सकती है तो वो सर्वाधिक बोले जाने वाली हिंदी भाषा ही है.''
भारत विभिन्न भाषाओं का देश है और हर भाषा का अपना महत्व है परन्तु पूरे देश की एक भाषा होना अत्यंत आवश्यक है जो विश्व में भारत की पहचान बने। आज देश को एकता की डोर में बाँधने का काम अगर कोई एक भाषा कर सकती है तो वो सर्वाधिक बोले जाने वाली हिंदी भाषा ही है। pic.twitter.com/hrk1ktpDCn
— Amit Shah (@AmitShah) September 14, 2019
शाह ने सभी नागरिकों से अपनी मातृभाषा के उपयोग को बढ़ावा देने और महात्मा गांधी और सरदार वल्लभभाई पटेल के सपनों को पूरा करने के लिए हिंदी का उपयोग करने का आग्रह किया. 14 सितंबर हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है. 1949 में इस दिन संविधान सभा ने हिंदी को भारत की आधिकारिक भाषा के रूप में अपनाया था. 2011 की जनगणना के अनुसार 43.6% या लगभग 53 करोड़ भारतीयों की मातृभाषा हिंदी है. इसके बाद बंगाली है, जो 8.03% से बहुत पीछे है. विश्व स्तर पर यह दुनिया की चौथी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है.
हिंदी दिवस: गृह मंत्री अमित शाह ने देशवासियों से की ये बड़ी अपील
First published: 14 September 2019, 15:09 IST