INX मीडिया केस : क्या कार्ति के बाद अब पी चिदंबरम पर हैं ईडी और सीबीआई की नजर

सबको चौकाते हुए केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम को बुधवार को चेन्नई एयरपोर्ट से गिरफ्तार कर लिया. वह लन्दन से ब्रिटिश एयरवेज के विमान से भारत लौट रहे थे. कांग्रेस पार्टी का कहना है कि यह पूरी कार्रवाई बदले की भावना से की जा रही है. पार्टी का आरोप है कि भाजपा केंद्र की राजग सरकार के घोटालों एवं कुशासन से ध्यान भटकाने के लिए इस प्रकार के हथकंडे अपना रही है.
पी चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति पर ताजा कार्रवाई से साफ है कि साल 2019 से पहले भाजपा एक ऐसी जमीन तैयार कर सकती है जिसमें कांग्रेस फिर से भ्रष्टाचार के कठघरे में दिखे.
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इस मामले कार्ति चिदंबरम का नाम सबसे पहले साल 2015 में सुब्रमण्यन स्वामी ने कार्ति चिदंबरम की विभिन्न कंपनियों के बीच वित्तीय लेनदेन का खुलासा किया. सूत्रों की माने तो सीबीआई और ईडी से जल्द इस मामले पी चिदंबरम को बुला सकती है. गौरतलब है कि पी चिदंबरम ने पिछले हफ्ते सर्वोच्च न्यायालय से संपर्क कर सीबीआई और ईडी पर उन्हें और बेटे को एयरसेल-मैक्सिस और आईएनएक्स मीडिया मामलों में घसीटने का आरोप लगया था.
26-पृष्ठ की याचिका में चिदंबरम ने तर्क दिया कि उन्हें गोपनीयता और अन्य मौलिक अधिकारों की सुरक्षा का अधिकार मिलना चाहिए. यह भी पता चला है कि सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री ने चिदंबरम को याचिका में कुछ संशोधनों के लिए कहा है.
क्या है पूरा मामला
INX मीडिया का यह मामला 2007 है उस वक़्त पी चिदंबरम वित्त मंत्री थे. आरोप है कि 2007 में चिदंबरम के वित्त मंत्री रहने के दौरान आईएनएक्स मीडिया को विदेश से 305 करोड़ रुपये की रकम दिलाने के लिए विदेशी निवेश से जुड़े एफआईपीबी (फॉरन इन्वेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड) की मंजूरी दिलाने और इस कंपनी को जांच से बचाने के लिए कार्ति ने 10 लाख रुपये लिए थे.
उस दौरान कंपनी के मालिक इंद्राणी मुखर्जी और पीटर थे. सूत्रों का कहना है कि इंद्राणी ने सीबीआई को बयान दिया है कि कार्ति ने एफआईपीबी क्लीयरेंस के लिए उनसे एक मिलियन डॉलर (6.5 करोड़ रुपये) की मांग की थी. सीबीआई ने इसी बयान को आधार बनाकर कार्ति को गिरफ्तार किया है.
First published: 1 March 2018, 12:34 IST