113 साल पहले पंडित नेहरू के घर आई थी इलाहाबाद की पहली कार

पंडित जवाहरलाल नेहरू का भोपाल से काफी पुराना लगाव था. भोपाल की आबोहवा उन्हें यहां अक्सर बुलाती थी. बात करें उनके लाइफस्टाइल की, तो उसमें नवाबी अंदाज साफ तौर पर दिखार्इ देता है. पेश है यादों के पन्नों से लिए गए कुछ रोचक किस्से.
नेहरू के कपड़े लंदन से धुलकर आते थे
नेहरू से जुड़ी यह बात भी काफी प्रचलित है कि उनके कपड़े धुलने के लिए लंदन भेजे जाते थे. इस किस्से का जिक्र मशहूर इतिहासकार मृदुला मुखर्जी की किताब Peasants in India's Non-Violent Revolution: Practice and Theory में भी किया गया है. खानदान की जन्मभूमि कश्मीर थी और नेहरू के दादा पंडित गंगाधर नेहरू दिल्ली के कोतवाल हुआ करते थे. इसलिए उनका रौब भी उनकी जिंदगी पर पड़ा. पिता पंडित मोतीलाल नेहरू इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सबसे प्रसिद्ध और सबसे रईस वकील थे. जो बेहद अनुशासनप्रिय, शानो-शौकत और अंग्रेजी चाल-ढाल और अपने पहनावे के लिए जाने जाते थे.
नेहरू के पास थी शहर की सबसे पहली कार
नेहरू खुद के रहन-सहन पर काफी ध्यान रखते थे. उनका अंदाज ही सबसे अलग था. इसलिए वे हमेशा चर्चाओं में रहते थे. पंडित नेहरू का बचपन इलाहाबाद में गुजरा था और उनके पिता मोतीलाल नेहरू इलाहाबाद के प्रतिष्ठित परिवार के थे. वे काफी लाड़-प्यार से पले थे. एक बार नेहरूजी के लिए पिता ने विदेशी साइकिल मंगवाई थी. इसके अलावा 1904 में विदेशी कार मंगवाई. खास बात यह थी कि इलाहाबाद की सड़कों पर आने वाली यह पहली कार थी. इसकी चर्चा पूरे शहर में होती थी. बताया जाता है कि नेहरू परिवार का इलाहाबाद स्थित घर आधुनिक सुविधाओं के कारण भी प्रसिद्ध था. उस जमाने में उस बंगले में स्वीमिंग पूल, टेनिस कोर्ट जैसी सुविधाएं थीं. इस घर में कई चीजें अब संग्रह करके रखी गई हैं.