मोदी ने कहा, नेता जुगाड़ से अपने और रिश्तेदारों के लिए टिकट न मांगें

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में उन नेताओं को आगाह किया है जो अपने रिश्तेदारों और परिजनों को टिकट दिलाने के लिए जुगाड़ का माध्यम तलाश रहे हैं.
मोदी ने बैठक में पांच राज्यों में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव में स्वयं और रिश्तेदारों के लिए टिकट मांगने वालों को स्पष्ट कर दिया है कि जो काम करेंगे, पार्टी का टिकट उन्हें ही मिलेगा.
पीएम मोदी ने कहा कि उनके पास सूचनाएं आ रही हैं कि नेतागण अपने रिश्तेदारों के लिए लॉबिंग कर रहे हैं.
उन्होंने कहा, "हरेक कार्यकर्ता समान है. कोई भी व्यक्ति अपने रिश्तेदारों के लिए टिकट न मांगे. टिकट किसको मिलना है, संगठन को तय करने दीजिए. जो जिताऊ और दमदार होगा उसे टिकट दिया जाएगा."
मोदी ने अपने संबोधन में राजनीतिक दलों की फंडिंग में पारदर्शिता लाने और चुनाव सुधार की जरूरत में जतायी है. उन्होंने कहा कि सभी दल चुनावी सुधार के लिए आगे आएं. पीएम ने कहा कि चुनाव सुधार के लिए भाजपा अहम भूमिका निभाने के लिए तैयार है.
उन्होंने कहा कि हमें लोकसभा और राज्य विधानसभा चुनाव एक साथ कराने की तरफ भी सोचना चाहिए. इस दौरान नोटबंदी को महान फैसला बताते हुए मोदी ने कहा कि देश की जनता ने कष्ट सहकर इस महान परिवर्तन को स्वीकार किया है.
उन्होंने फैसले को सफल बताते हुए उदाहरण दिया कि एटीएम की लाइन में खड़ा एक व्यक्ति बेहोश हो गया, मीडिया वालों को लगा कि मसाला मिल गया लेकिन जब वह होश में आया तो उसने कहा, "मुझे कष्ट हो रहा है लेकिन मोदी का फैसला बिलकुल सही है."
मोदी ने कहा कि नोटबंदी के दौरान उन्हें अपने अंदर की बुराइयों से लडने की भारतीय समाज की ताकत का पता चला है. स्वच्छता अभियान का जिक्र करते हुए पीएम ने एक दूसरा उदाहरण पेश किया कि छत्तीसगढ़ की 90 वर्षीय आदिवासी महिला ने शौचालय बनाने के लिए अपनी बकरी बेच दी.
पीएम मोदी ने भाजपा के सभी सांसदों, विधायकों, कार्यकर्ताओं से कहा कि सरकार गरीबों के कल्याण के लिए बहुत ही योजनाएं चला रही है. उन्हें लेकर गांव-गांव तक जाएं. गर्व के साथ सरकार के कार्यो से लोगों को अवगत कराएं. इसमें कोई बात छुपाने या लिहाज करने की नहीं है. उन्होंने क्हा वे गरीबों के कल्याण से जुडी सरकार की योजनाओं का जमीनी स्तर तक प्रचार-प्रसार करें.
अपने संबोधन के दौरान बेहद दार्शनिक भाव में प्रधानमंत्री मोदी ने राजा रंतिदेव का उद्धरण दिया, "न त्वम कामये राज्यं न स्वर्गं न पुनर्भवम, कामये दुख: तप्तानां प्राणीनां आर्तनाशनाम’ अर्थात न राज्य की कामना करता है, न स्वर्ग, न पुनर्जन्म से मुक्ति, मैं केवल दुखियों की पीड़ा नाश का अवसर चाहता हूं."
उन्होंने कहा, "मैं गरीबी में जन्मा हूं, गरीबी जिया हूं. आलोचनाओं से घबराए नहीं, उसका स्वागत करें."