नाबालिग रेप केस में आसाराम की सहयोगी को मिली बड़ी राहत, HC ने दिेए छोड़ने के आदेश

नाबालिग के साथ बलात्कार सजायाफ्ता कैदी आसाराम बापू के मामले में सहयोगी अभियुक्त शिल्पी उर्फ संचिता को राजस्थान हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है. हाईकोर्ट ने शिल्पी की सजा को स्थगित कर दिया है. उसको जमानत दे दी है. शिल्पी आसाराम बापू की सहयोगी थी. वह आसाराम के छिंदवाड़ा आश्रम में वार्डन का काम करती थी. पीड़िता ने शिल्पी को भी बलात्कार मामले में आरोपी बनाया था. पीड़िता का कहना था कि बलात्कार की साजिश में शिल्पी भी शामिल थी. अदालत ने मामले में फैसला सुनाते हुए शिल्पी को दोषी पाया था. 20 साल की सजा सुनाई थी.
मीडिया खबरों के मुताबिक, शिल्पी उर्फ संचिता की ओर से जोधपुर हाईकोर्ट में सजा स्थगन याचिका दाखिल की थी. अदालत ने बुधवार को मामले में सुनवाई पूरी कर ली थी. अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. शिल्पी के वकील ने अदातल में दलील देते हुए कहा कि शिल्पी ने जमानत पर रहने के दौरान किसी भी नियम का उल्लंघन नहीं किया है. ऐसे में शिल्पी को एसओएस यानी की सस्पेंसन ऑफ सेंटस का लाभ दिया जाए. जोधपुर कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए शिल्पी की सजा को स्थगित कर दिया है.
Jodhpur: Rajasthan High Court has granted bail to Shilpi, an aide of the self-styled godman Bapu Asaram; adjourning her sentence. Jodhpur Court had earlier sentenced her for 20 years in jail for helping Asaram in raping a minor girl. pic.twitter.com/BO8DSndJVg
— ANI (@ANI) September 29, 2018
आपको बता दें कि SC- ST कोर्ट के पीठासीन अधिकारी मधुसूदन शर्मा ने इसी साल 25 अप्रैल को शिल्पी को नाबालिग से रेप के मामले में दोषी मानते हुए 20 साल कैद की सजा सुनाई थी. हालांकि बाद में शिल्पी को जमानत मिल गई . इस मामले में मुख्य आरोपी आसाराम बापू को भी दोषी पाया गया था. आसाराम बापू अभी जेल में बंद हैं.
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First published: 29 September 2018, 16:37 IST