वैज्ञानिकों ने बंदरों के अंदर डाले इंसानी दिमाग के जीन्स, जानिए फिर हुआ क्या

मैडिकल साइंस ने इतनी तरक्की कर ली है कि अब बड़ी से बड़ी बीमारी को मात दी सकती है. साथ ही वैज्ञानिक इंसानी सभ्यता के साथ-साथ इंसान और जानवरों के बीच संबंधों को जानने की कोशिश भी कर रहे हैं. हाल ही में चीन के कुछ वैज्ञानिकों ने एक नया कारनामा कर दिखाया. दरअसल, वैज्ञानिकों ने एक बंदर के अंदर इंसानी दिमाग के जीन्स डालने में सफलता हासिल की.
दरअसल, ये कारनामा बीजिंग के नेशनल साइंस रिव्यू मैगजीन में पब्लिश हुआ है. बता दें कि इस शोध के दौरान वैज्ञानिकों ने ह्यूमन जीन MCPHI के अंदर डाल दिए. ये दिमागी विकास से जुड़ा है. इसे वायरस के जरिए बंदर से एंब्रियो में डाला गया. इसके बाद चीनी वैज्ञानिकों ने दावा किया कि 11 बंदरों में एचसीपीएच-1 जीन ट्रांस्प्लांट कर इन्हें तैयार किया गया है.
इस दौरान वैज्ञानिकों ने पाया कि इंसान की तरह बंदरों के दिमाग का विकास होने में भी समय लगता है. शोध में शामिल किए गए बंदरों के दिमाग को इंसान की तरह ही बताया जा रहा है. वैज्ञानिकों ने एक रिपोर्ट में बताया कि बंदरों ने शॉर्ट टर्म मेमोरी में अच्छा प्रदर्शन किया है.
यही नहीं शोध में शामिल किए गए बंदरों में जंगली बंदरों की तुलना में किसी बात पर अपनी प्रतिक्रिया देने में तेजी पाई गई. शोध में इस बात का भी खुलासा हुआ है कि इन बंदरों के दिमाग का आकार अभी भी नहीं बढ़ा है. बता दें कि बंदर ही एक ऐसा जानवर है जो दूसरे जानवरों की तुलना में ज्यादा दिमाग रखता है और होशियार होता है.
First published: 16 April 2019, 14:11 IST