जल्द ही हिंदी, उर्दू समेत देसी भाषाओं में बना सकेंगे अपनी ईमेल आईडी

जल्द ही इंटरनेट अंग्रेजी भाषा के बंधन से मुक्त होने वाला है. इसका सबसे बड़ा फायदा उन यूजर्स को होगा जिन्हें अंग्रेजी नहीं आती लेकिन अभी तक अपनी ईमेल आईडी अंग्रेजी में ही बनानी होती है. इस कड़ी में अब जल्द ही इंटरनेट यूजर्स अपनी मातृभाषा या हिंदी, ऊर्दू, तेलुगू जैसी देसी भाषाओं में अपनी ईमेल आईडी बना सकेंगे.
डिजिटल इंडिया के लक्ष्य को पाने के लिए सरकार ने गूगल, माइक्रोसॉफ्ट जैसी आईटी कंपनियों बातचीत शुरू कर दी है और कहा है कि वे हिंदी से शुरू करके देसी (क्षेत्रीय) भाषा में लोगों को ईमेल आईडी बनाने का अवसर प्रदान करें.
इकोनॉमिक टाइम्स में छपी खबर की मानें तो बीते माह सरकार ने गूगल, माइक्रोसॉफ्ट और रेडिफ के प्रतिनिधियों से मुलाकात की और कहा कि वे यूजर्स की ईमेल सेवाओं को क्षेत्रीय भाषाओं में इस्तेमाल करने की सुविधा दें.
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अपने दो वर्षों के कार्यकाल में मोदी सरकार ने देश भर को एक व्यापक डिजिटल नेट के अंतर्गत लाने के लिए तमाम योजनाएं पेश कीं. भारत नेट जैसी एक योजना में भारतीय घरों विशेषकर ग्रामीण भारत को ब्रॉडबैंड से जोड़ने की योजना बनाई गई.
यह योजना सरकार के महात्वाकांक्षी डिजिटल इंडिया प्रोग्राम के तहत बनाई गई है. भारत नेट योजना के अंतर्गत देश भर की 2 लाख 50 हजार पंचायतों को अगले वर्ष तक हाईस्पीड नेटवर्क से जोड़ने की योजना है. यह अब तक की ग्रामीण भारत को ब्रॉडबैंड से जोड़ने की देश की सबसे बड़ी योजना है.
अगर ऐसा होता है तो ग्रागीण और अर्धग्रामीण क्षेत्रों में जहां लोग इंटरनेट का इस्तेमाल करना शुरू कर चुके हैं, ईमेल के इस्तेमाल में आंदोलनकारी परिवर्तन कर देगी.
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इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आईएएमएआई) द्वारा की गई शोध के मुताबिक भारत में फिलहाल 30 करोड़ 60 लाख इंटरनेट यूजर्स हैं. इनमें 21 करोड़ 90 लाख शहरी जबकि 8 करोड़ 70 लाख ग्रामीण भारत में हैं.
यह शोध बताती है कि ग्रामीण भारत में इंटरनेट यूजर्स की संख्या दिसंबर 2014 से दिसंबर 2015 तक 93 फीसदी बढ़कर 8 करोड़ 70 लाख पहुंच गई है.
अगर स्थानीय भाषाओं में मेल आईडी की सुविधा शुरू होती है तो एक जरूरी बात यह सामने आती है कि अभी तक ईमेल एड्रेस केवल अंग्रेजी अल्फाबेट के कैरेक्टर्स तक ही सीमित हैं. यह कैरेक्टर्स अमेरिकन स्टैंडर्ड कोड फॉर इंफॉर्मेशन इंटरचेंज (एएससीआईआई) में एनकोड हो जाते हैं.
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लेकिन आने वाले वक्त में ईमेल्स यूनिकोड कैरेक्टर्स का इस्तेमाल करेंगी, जिसकी वजह से विदेशी भाषा के अक्षरों को भी इनमें इस्तेमाल करने का मौका मिलेगा.
इसके साथ ही यूजर्स की ईमेल आईडी पूरी तरह से उसकी मातृभाषा में लिखी होगी. वैसे भी गूगल यूजर्स को हिंदी समेत अन्य भारतीय भाषाओं में लिखने की सुविधा तो देता ही है.
हालांकि कंप्यूटर यूजर्स को हिंदी टाइपिंग में कुछ परेशानी हो सकती है, लेकिन स्मार्टफोन यूजर्स के लिए पहले से ही बेहद आसान कीपैड और ऐप आधारित कीपैड उपलब्ध हैं.
First published: 3 August 2016, 7:46 IST