Facebook लॉगिन के लिए जरूरी होगी बायोमेट्रिक आईडी?

आने वाले दिनों में दुनिया का दिग्गज सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Facebook अपने यूजर्स से लॉगिन के लिए बायोमेट्रिक आइडेंटिफिकेशन मांग सकता है. हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि Facebook ने बायोमेट्रिक आइडेंटिफिकेशन के एक स्टार्टअप का अधिग्रहण कर लिया है.
प्रमुख तकनीकी वेबसाइट टेकक्रंच को Facebook ने कंफर्म किया कि उसने Confirm.io स्टार्टअप का अधिग्रहण कर लिया है. यह स्टार्टअप एक API ऑफर करती है. यह सेवा लेने वाली कंपनियां बेहद तेजी से किसी व्यक्ति (यूजर) की पहचान (आईडी) को सरकार द्वारा जारी पहचान-पत्र (ड्राइविंग लाइसेंस आदि) से मिलाकर सत्यापन कर सकती हैं.
स्टार्टअप confirm.io बोस्टन की कंपनी है और अब यह बंद हो जाएगी क्योंकि इसकी पूरी टीम और टेक्नोलॉजी Facebook में समा जाएगी. Facebook में यह उन यूजर्स की मदद कर सकती है जिनका अकाउंट लॉक हो गया है.
Facebook acquires ID authentication startup Confirm․io https://t.co/kIBybRAY5A by @joshconstine
— TechCrunch (@TechCrunch) January 23, 2018
इस स्टार्टअप की लॉन्चिंग तीन साल पहले हुई थी और तब से यह कावा कैपिटल समेत अन्य निवेशकों से कम से कम 40 लाख डॉलर हासिल कर चुकी है. 2015 के शुरुआती चरण में इसने पहचान-पत्र के साथ ही मोबाइल बायोमेट्रिक्स व फेसियल रिकगनिशन से जानकारी जुटाने के लिए एडवांस्ड फॉरेंसिक में निवेश किया, ताकि इस स्टार्टअप द्वारा निजी जानकारी डिलीट किए जाने से पहले ही किसी व्यक्ति की पहचान सत्यापित की जा सके.
इस कंपनी के ग्राहक (कंपनियां) बेहद तेजी से इसकी तकनीक को खुद से जोड़ सकते थे. इसके लिए स्टार्टअप मांग किए जाने पर ग्राहक कंपनी को कुछ वक्त के लिए अपना स्टाफ दे देती थी. फूड डिलीवरी सेवा Doordash ने confirm.io की सेवाओं का इस्तेमाल अपने ड्राइवर्स के सत्यापन के लिए किया, जबकि Notarize ने अपने ग्राहकों की पहचान के सत्यापन के लिए इसकी सेवाएं लीं.
इस स्टार्टअप ने लिखा, "जब हमने confirm लॉन्च किया, हमारा उद्देश्य बाजार के विश्वसनीय आइडेंटिटी ओरिजिनेशन प्लेटफॉर्म बनने का था, जिसपर अन्य मल्टीफैक्टर वेरिफिकेशन सेवाएं बनाई जा सकें. अब हम Facebook के साथ अपनी अगले चरण की यात्रा के लिए तैयार हैं."
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— Confirm (@confirmio) September 29, 2017
टेकक्रंच को Facebook ने बताया, "Facebook में हम confirm टीम के स्वागत को लेकर उत्साहित हैं. उनकी तकनीकी और विशेषज्ञता, कम्यूनिटी को सुरक्षित रखने के हमारे जारी प्रयासों में सहायता करेगी."
पूरी संभावना है कि Facebook इस तकनीक का इस्तेमाल यूजर्स की पहचान के सत्यापन के करेगी. कंपनी इसका इस्तेमाल उन मौकों पर भी कर सकती है जब किसी यूजर का अकाउंट पासवर्ड खोने या फिर हैक होने पर लॉक हो जाता है, तो इसके जरिये पहचान सत्यापित कर अकाउंट में लॉगिन की अनुमति दी जा सके.
इससे पहले बीते सितंबर में पता चला था कि Facebook एक फीचर का परीक्षण कर रही है, जिसमें यूजर की सेल्फी के जरिये अकाउंट को अनलॉक किया जा सकता है. 2013 से Facebook ने लोगों को उनकी फोटो आईडी या अन्य पहचान पत्र उसे ई-मेल करने की भी छूट दी है, ताकि अपने अकाउंट पर दोबारा अधिकार हासिल करने के लिए पहचान सत्यापन के रूप में इनका इस्तेमाल किया जा सके.

यहां ध्यान देने वाली बात यह भी है कि Facebook द्वारा confirm का पूर्ण अधिग्रहण किया गया है. तो जाहिर है कि स्टार्टअप की टेक्नोलॉजी और टीम Facebook को पहचान सत्यापन के विकल्पों को मजबूत करने और सुधारने में मदद करेगी. आने वाले दिनों में हो सकता है कि कुछ मौकों पर Facebook आपके एक आईडी कार्ड के रूप में ही काम करे.
क्यों लॉगिन के लिए होना चाहिए बायोमेट्रिक आइडेंटिफिकेशन
दरअसल, Facebook पर लॉगिन करने के लिए यूजर को या तो ई-मेल आईडी की जरूरत होती है या फिर एक फोन नंबर की. आज एक व्यक्ति के पास कई फोन नंबर और ई-मेल आईडी होना कोई हैरानी वाली बात नहीं है.
कई ई-मेल आईडी और कई फोन नंबर का मतलब यह भी है कि कई यूजर्स 'फेक आईडी' यानी फर्जी आईडी भी बनाकर Facebook पर लॉगिन कर सकते हैं. वैसे अभी भी दुनिया भर में Facebook पर लाखों फर्जी आईडी बनी हुई हैं.
अगर हर यूजर आईडी के लिए Facebook बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन कर देता है, तो जाहिर सी बात है कि जिन यूजर्स ने अपनी फर्जी आईडी बनाई है, वे लॉगिन नहीं कर सकेंगे. और फर्जी आईडी से लॉगिन न होने पर इस सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर असल पहचान वाले ही यूजर्स होंगे, जिससे इसकी सुरक्षा बेहतर हो सकेगी.
First published: 25 January 2018, 14:50 IST