लगने वाली है मोबाइल चोरों पर लगाम, नहीं बिक सकेंगे चोरी के मोबाइल

केंद्र सरकार की नई योजना अगर अमल में आती है तो मोबाइल फोन यूजर्स को निजी डाटा चोरी का खतरा नहीं रहेगा. ताजा जानकारी के मुताबिक सरकार एक ऐसा सिस्टम डेवलप कर रही है जिसमें मोबाइल फोनों के IMEI नंबर की रजिस्ट्री की जाएगी.
केंद्र सरकार के पायलट प्रोजेक्ट के तहत पेश की जाने वाली योजना में यह सेंट्रलाइज्ड सिस्टम अनोखे ढंग से काम करेगा. इससे सभी मोबाइल फोन कंपनियां किसी ग्राहक का फोन चोरी या गुम होने की स्थिति में उसका डाटा शेयर कर सकेंगे. जैसे ही गुम या चोरी हुए मोबाइल में कोई नया सिम कार्ड डालेगा, वो एक्टिवेट नहीं होगा और केवल एक शोपीस जैसा दिखेगा.
जानकारी के मुताबिक सार्वजनिक क्षेत्र की दूरसंचार कंपनी भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) पुणे में यह पायलट प्रोजेक्ट शुरू करने जा रही है. इसके अंतर्गत पुणे में सेट्रल इक्विपमेंट आइडेेंटिटी रजिस्टर (CEIR) निर्मित किया जाएगा.
इस परियोजना का उद्देश्य मोबाइल फोन यूजर्स के हितों की सुरक्षा करना है, जिससे नकली, चोरी या गुम हुए मोबाइल फोनों के बाजार पर लगाम लगाई जा सके, मोबाइल चोरी को रोका जा सके और फोन की क्लोनिंग जैसे अवैध कार्यों को रोकने के साथ ही जरूरत पड़ने पर फोन टेपिंग की वैध इजाजत देना शामिल है.
गौरतलब है कि IMEI जिसे इंटरनेशनल मोबाइल इक्विपमेंट आइडेंटिटी के नाम से जाना जाता है, हर मोबाइल फोन का एक खास 15 डिजिट का यूनीक नंबर होता है. इस नंबर के तहत फोन के मेक, मॉडल और मैन्युफैक्चरर के बारे में पूरी जानकारी मिलती है. इससे कानून व्यवस्था कायम रखने वाली सुरक्षा एजेंसियां फोन और कॉल्स को ट्रैक कर सकती हैं. आपने मोबाइल फोन का IMEI नंबर जानने के लिए डायलपैड में *#06# लिखना होता है.
First published: 6 July 2017, 18:58 IST