एक महीने में 8 राज्यों में बंद की गई इंटरनेट सेवाएं, कश्मीर में 135 दिन से बंद

पिछले एक महीने में देश के 8 राज्यों में कई मौकों पर इंटरनेट सेवाओं को बंद करने का आदेश दिया गया. असम में नागरिकता कानून के विरोध के मद्देनजर सरकार ने इंटरनेट बंद करने का ऐलान किया है. द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार जम्मू-कश्मीर में इंटरनेट बंद 135 वें दिन में प्रवेश कर गया, जो भारत में अब तक का दूसरा सबसे लंबा दौर है. नवंबर में सुप्रीम कोर्ट द्वारा अयोध्या के फैसले के बाद उत्तर प्रदेश के आगरा और अलीगढ़ और राजस्थान और मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में सेवाओं को निलंबित कर दिया गया था.
पिछले हफ्ते से सरकार ने असम, पश्चिम बंगाल, मेघालय, त्रिपुरा और अरुणाचल प्रदेश और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में दूरसंचार सेवाओं बंद करने के आदेश दिए. असम नागरिकता अधिनियम में हालिया संशोधनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का केंद्र बन गया था. जम्मू और कश्मीर में प्रतिबंध 4 अगस्त को लगाए गए थे.
भारत में पिछला सबसे लंबा इंटरनेट बंद जम्मू और कश्मीर में था. जब हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकवादी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद 8 जुलाई 2016 से 7 जनवरी 2017 तक यह 202 दिनों तक चला था. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पोस्टपेड और एसएमएस सेवाओं को 18 नवंबर 2016 को बहाल कर दिया गया था, लेकिन प्रीपेड इंटरनेट के उपयोग पर प्रतिबंध अगले साल 7 जनवरी तक बना रहा. जम्मू और कश्मीर में 2016 के बाद से इंटरनेट ब्लॉक 193 अवसरों पर किया गया. जबकि राजस्थान में 42 ऐसे उदाहरण हैं.
एक्सेस नाउ के आंकड़ों के अनुसार द वाशिंगटन पोस्ट के अनुसार श्रीनगर के निवासी ट्रेन को "इंटरनेट एक्सप्रेस" के रूप में संदर्भित करते हैं क्योंकि यह उन्हें निकटतम शहर में ले जाता है जहां वे इंटरनेट का उपयोग कर सकते हैं. केवल चीन और म्यांमार जैसी सत्तावादी सरकारों ने लंबे समय तक इंटरनेट सेवाओं में कटौती की है.
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First published: 17 December 2019, 14:09 IST