सबसे बड़ी साइबर सेंध: याहू के 1 अरब अकाउंट हैक

इंटरनेट कंपनी याहू पर हैकर्स ने बड़ा हमला किया है. इसे इंटरनेट इतिहास का सबसे बड़ा साइबर अटैक माना जा रहा है. याहू ने खुद माना है कि अगस्त 2013 में हैकिंग से तकरीबन एक अरब याहू यूजर अकाउंट का डाटा प्रभावित हो सकता है.
इसे साइबर सुरक्षा में सबसे बड़ी सेंध के तौर पर देखा जा रहा है. याहू के मुताबिक सितंबर 2014 में घोषित हैकिंग से कहीं ज्यादा बड़ा ये खतरा दिख रहा है. सितंबर में कंपनी ने कहा था कि साल 2014 में यूज़र्स के क़रीब 50 करोड़ अकाउंट हैक हो गए थे.
याहू का ये भी कहना था कि इस दौरान यूज़र्स के नाम, फोन नंबर, पासवर्ड और ईमेल के पते चुराए गए थे. वहीं बैंक और पेमेंट संबंधी डाटा से कोई छेड़छाड़ नहीं हुई थी.

वेरिजॉन से 4.83 अरब डॉलर की डील पर संकट
हैकिंग के इस ताजा और सनसनीखेज खुलासे से याहू को 4.83 अरब डॉलर में खरीदने का वेरिजॉन कंपनी का प्रस्ताव भी खतरे में पड़ गया है.
जानकारों का मानना है कि अमेरिकी मोबाइल कंपनी वेरिजॉन याहू के साथ ़डील में बदलाव कर सकती है या फिर इसे तोड़ने के बारे में भी फैसला ले सकती है.
इससे पहले सितंबर 2014 में याहू ने कहा था कि यूज़र्स संबंधी डाटा चोरी में किसी एक देश के हैकरों का हाथ है. हालांकि यह साफ नहीं हो सका था कि इसके पीछे कौन देश है.
अब एक अरब अकाउंट की हैकिंग का खुलासा होने के बाद यूजर्स की भी याहू पर तिरछी नजर हो सकती है. ऐसे में कंपनी की सेवाएं वेरिजॉन के लिए कम उपयोगी हो जाएंगी.
पासवर्ड और सुरक्षा सवाल बदलने की सलाह
वेरिजॉन ने कहा है कि हालात पर उसकी पैनी नजर है और पूरी तरह आंकलन के बाद ही कंपनी किसी अंतिम नतीजे तक पहुंचेगी. इस बीच याहू ने बुधवार को यूजर्स को सलाह दी है कि उन्हें अपना पासवर्ड और सुरक्षा संबंधी सवाल तत्काल प्रभाव से बदल लेने चाहिए.
हैकिंग का मामला सामने आने के बाद याहू के शेयर्स में गिरावट दर्ज की गई. 2.4 फीसदी गिरावट के साथ कंपनी के शेयर की कीमत 39.91 डॉलर तक पहुंच गई. हालांकि वेरिजॉन के शेयर में मामूली बदलाव (51.63 डॉलर प्रति शेयर) देखा गया.
First published: 15 December 2016, 10:30 IST