कभी टाइल फ़ैक्टरी में की 35 रूपये की नौकरी, फिर जिताया वर्ल्ड कप, अब कहा- अलविदा क्रिकेट

15 साल के प्रतिस्पर्धी क्रिकेट खेलने के बाद भारत के पूर्व तेज गेंदबाज मुनाफ पटेल ने खेल के सभी फॉर्मेट को छोड़ने का फैसला किया है. मुनाफ का कहना है ''कोई पछतावा नहीं है क्योंकि उन्हें साथ खेल चुके सभी क्रिकेटर्स ने अब रिटायरमेंट ले लिया है. केवल महेंद्र सिंह धोनी ऐसे हैं जो अभी खेल रहे हैं''. मुनाफ ने कहा ''इस फैसले को लेकर किसी तरह उदास नहीं हैं''. सबका टाइम ख़त्म हो चुका है. दुःख तब होता जब सब खेल रहे होते हैं और मैं रिटायर ले रहा होता''.
मुनाफ दुबई में आयोजित होने वाले टी 10 लीग में खेलेंगे और और वह अब कोचिंग में अपना कैरियर बनाना चाहते हैं. एक ऐसा व्यक्ति जिसने अपना सारा जीवन क्रिकेट के लिए दिया उसके लिए यह फैसला लेना आसान नहीं है. मुनाफ ने कहा '' मेरा मन आज भी नहीं मान रहा है कि क्रिकेट छोडूं. मैं कुछ नहीं जानता हूँ मुझे सिर्फ क्रिकेट की समझ आता है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार मुनाफ कहते हैं 'क्रिकेट छोड़ने का फैसला लेने से पहले मैंने मटकादार क्रिकेट क्लब के अपने करीबी दोस्त इस्माइल भाई के साथ इस फैसले पर चर्चा की, कोई और कारण नहीं है, अब उम्र हो चुकी है. फिटनेस हमेशा एक जैसी नहीं रहती है, कई युवा हैं जो आज भी अपने लिए मौका ढूंड रहे हैं.'' मुनाफ कहते हैं ''खास बात यह है कि अब कोई प्रेरणा नहीं रही. मैं 2011 में विश्व कप जीतने वाली टीम का हिस्सा था''.
2011 के विश्व कप के दौरान भारत के गेंदबाजी कोच एरिक सिमन्स ने मुनाफ को "विश्व कप जीत के नायक के रूप में सम्मानित किया थ. उन्होंने टूर्नामेंट में जहीर खान के बाद 11 विकेट लिए थे. भारत के लिए खेलना गुजरात के एक छोटे से गांव इखार के इस युवा का सपना था. मुनाफ कहते हैं ''अगर मैं क्रिकेटर नहीं होता तो मैं अफ्रीका में कंपनी में एक मजदूर होता. यहां से ज्यादातर गुजराती वहां जाते हैं. मुनाफ कहते हैं ''शायद मैं टाइल्स की सफाई और व्यवस्था कर रहा होता. मैंने कभी सोचा नहीं कि मैं इतने लंबे समय तक क्रिकेट खेलूंगा ''.
अपने शुरुआती दिनों ने मुनाफ ने एक टाइल कारखाने में काम किया. वह बॉक्स में टाइल्स पैक करते और आठ घंटे की शिफ्ट के लिए 35 रुपये कमाते थे. मुनाफ कहते हैं कि ''पर्याप्त पैसा नहीं था, लेकिन हम क्या कर सकते थे? पिता ही एकमात्र कमाई करने वाले थे और हम स्कूल में थे. जो भी मैंने हासिल किया है वह क्रिकेट की वजह से किया. जो भी दोस्त सर्कल, पारिवारिक सर्कल है सब क्रिकेट के कारण है.
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First published: 10 November 2018, 11:04 IST