इस शहर में बिजली बिल आ रहा इतना ज्यादा कि लोगों को करना पड़ रहा है सोलर पैनलों का इस्तेमाल

कर्नाटक विद्युत विनियामक आयोग (Karnataka Electricity Regulatory Commission) द्वारा बिजली दरों में वृद्धि के मद्देनजर बेंगलुरु में अपार्टमेंट पैसा और पर्यावरण दोनों को बचाने के लिए सौर पैनलों का चयन कर रहे हैं. राज्य सरकार ने इस महीने की शुरुआत में बिजली दरों में 5 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि की घोषणा की थी. एक रिपोर्ट के अनुसार बेंगलुरु अपार्टमेंट्स फेडरेशन के सचिव विष्णु ने कहा "यह वास्तव में हमारी मदद करता है क्योंकि वे बिजली के बिल बढ़ा रहे हैं. इस योजना का विस्तृत विश्लेषण करने के बाद हमने अपने अपार्टमेंट के भीतर एक उपसमिति का गठन किया है.
ट्रिफेक्टा स्टारलाईट के एक अपार्टमेंट निवासी हर्ष ने कहा कि सौर पैनल लगाने का उद्देश्य पर्यावरण को बचाना है. हर्षा ने कहा "सौर पैनलों को स्थापित करने का मुख्य कारण यह है कि हम पर्यावरण के लिए कुछ करना चाहते थे. हम कुछ बनाना चाहते थे और पर्यावरण को देना चाहते थे. दूसरा पहलू यह है कि हम अपनी लागत कम रखना चाहते थे." ट्रिफेक्टा स्टारलाईट अपार्टमेंट के निवासी, जहां छत पर सौर पैनल लगाए गए हैं. इस महीने की शुरुआत में राज्य बिजली नियामक आयोग ने बिजली दरों में 40 पैसे प्रति यूनिट की बढ़ोतरी की घोषणा की थी. आदेश के अनुसार, 5.4 प्रतिशत की औसत वृद्धि के साथ प्रति यूनिट 40 पैसे की वृद्धि हुई है.
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार मई में बिजली बिल मिलने पर लोगों को बड़ा झटका लगा था. अप्रैल में किए गए अंतिम भुगतान में कटौती के बाद भी, बिल बहुत अधिक था. मई में बेसकॉम के अधिकारियों को अधिक बिजली बिलों को लेकर लोगों के बड़ी संख्या कॉल, मैसेज और ईमेल मिल रहे हैं. कोविड -19 स्थिति के कारण मीटर रीडिंग को बंद कर दिया गया था.
बेसकॉम ने पिछले तीन महीनों में अपनी औसत खपत के आधार पर अप्रैल के लिए घरेलू उपभोक्ताओं को बिल देने का फैसला किया था. बेसकॉम का दावा है कि घरेलू उपकरणों के बढ़ते उपयोग के कारण बिल अधिक हैं.
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