जलीकट्टू पर जंग: राज्य सरकार लाएगी अध्यादेश, सुप्रीम कोर्ट आदेश रोकने पर तैयार

तमिलनाडु में जलीकट्टू पर प्रतिबंध के खिलाफ बड़े पैमाने पर चल रहे विरोध प्रदर्शन के बीच तमिलनाडु सरकार अब अध्यादेश लाने की तैयारी कर रही है. पोंगल के मौके पर आयोजित होने वाला जलीकट्टू फेस्टिवल तमिलनाडु में पारंपरिक रूप से प्रचलित है. समाज के अलग-अलग तबके के लोग सुप्रीम कोर्ट के बैन का विरोध कर रहे हैं.
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेल्वम ने कहा है कि शुक्रवार शाम तक अध्यादेश का ड्राफ्ट तैयार होने की उम्मीद है. इसके बाद इसे राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा. सीएम पन्नीरसेल्वम ने कहा, "हम उम्मीद कर रहे हैं कि रविवार तक अध्यादेश की अधिसूचना जारी हो जाएगी. अध्यादेश लागू होगा."
We also expect day after tomorrow the notification of ordinance will appear. It will happen: TN CM O. Panneerselvam #jallikattu pic.twitter.com/FyoS06ILIy
— ANI (@ANI_news) January 20, 2017
'जल्द सुलझेगा विवाद'
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक अर्जी दाखिल करके जलीकट्टू के मामले में एक हफ्ते तक फैसला नहीं देने की अपील की, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने मान लिया है. केंद्र सरकार का कहना है कि धार्मिक भावनाओं को लेकर विरोध प्रदर्शन चल रहा है. लिहाजा कानून-व्यवस्था की समस्या खड़ी हो सकती है.
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केंद्रीय वन एवं पर्यावरण राज्यमंत्री अनिल माधव दवे ने इस मुद्दे पर दिल्ली में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा, "गृह मंत्रालय को तमिलनाडु सरकार से अध्यादेश का प्रस्ताव मिला है, जिस पर विचार चल रहा है. मैं भरोसा दिलाना चाहता हूं कि कम से कम समय में मुद्दे का समाधान निकाला जाएगा."
HM received proposal from TN govt, its under consideration,ensure that in shortest time will solve it :MoS Env&Forest Anil Dave #jallikattu pic.twitter.com/wIV4diHSHj
— ANI (@ANI_news) January 20, 2017
अनिल माधव दवे ने कहा, "आज शाम या कल तक एक नतीजे पर पहुंचते हुए हम न्यूनतम वक्त में सब कुछ आपके सामने लाएंगे. 2011 में सांड को परफॉर्मिंग एनिमल की लिस्ट में शामिल किया गया था. अगर उन्होंने ऐसा नहीं किया तो हम यहां हाथ पर हाथ रखकर बैठे नहीं रह सकते."
In 2011 bull was added in list of performing animals if they didn't do that we wouldn't have been sitting here: MoS Anil Dave #jallikattu
— ANI (@ANI_news) January 20, 2017
विरोध ख़त्म करने की अपील
तमिलनाडु में जलीकट्टू पर बैन के खिलाफ तीन दिन से विरोध प्रदर्शन चल रहा है. मुख्यमंत्री पन्नीरसेल्वम ने राज्य के लोगों से प्रदर्शन खत्म करने की अपील की है. 2014 में जलीकट्टू पर सुप्रीम कोर्ट ने प्रतिबंध लगा दिया था. इस मामले में मद्रास हाईकोर्ट ने भी दखल देने से मना कर दिया था.
तमिलनाडु के सीएम का कहना है कि अध्यादेश के बारे में संशोधन को लेकर संविधान विशेषज्ञों से बात की गई है. ड्राफ्ट को लेकर केंद्र से बातचीत के अलावा वरिष्ठ अफसरों को लगाया गया है.
राज्य सरकार अध्यादेश के ड्राफ्ट को केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास भेजेगी. गृह मंत्रालय इसे राष्ट्रपति के पास भेजेगा और राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद इसे अंतिम मुहर के लिए राज्यपाल को भेजा जाएगा.
तमिलनाडु में पोंगल पर जलीकट्टू का आयोजन होता है. चेन्नई का मरीना बीच जलीकट्टू के समर्थक लोगों के विरोध प्रदर्शन का सबसे बड़ा केंद्र बन गया है.

क्या है जलीकट्टू?
पोंगल के त्यौहार के मौके पर मनुष्य और सांड़ के इस खेल का आयोजन किया जाता है. यह तमिलनाडु का 400 साल पुराना पारंपरिक खेल है. जली का अर्थ होता है 'सिक्का ' और कट्टू का अर्थ है 'बंधा हुआ'. इस खेल के दौरान सांड़ों के सींग में कपड़ा बंधा होता है. इस कपड़े में पुरस्कार राशि होती है.
पहले के समय में ये परंपरा योद्धाओं के बीच लोकप्रिय थी आैर इस खेल का आयोजन स्वयंवर की तरह होता था. जो योद्धा बैल पर काबू पाने में कामयाब होता था, महिलाएं उसे अपने वर के रूप में चुनती थीं.
First published: 20 January 2017, 14:26 IST