पोंगल पर जल्लीकट्टू नहीं होगा, सुप्रीम कोर्ट का फिलहाल आदेश से इनकार

तमिलनाडु में जल्लीकट्टू को लेकर विवाद फिलहाल सुलझता नहीं दिख रहा. सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार से पहले इस मामले में आदेश सुनाने से इनकार कर दिया है.
पोंगल त्योहार के हिस्से के तौर पर तमिलनाडु में मट्टू पोंगल के दिन जल्लीकट्टू का आयोजन होता है. जल्लीकट्टू को इजाजत देने के लिए केंद्र के नोटिफिकेशन के खिलाफ याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार यानी 14 जनवरी से पहले फैसला सुनाने से मना कर दिया है. जबकि पोंगल का त्योहार इसी दिन मनाया जाता है.
#SC refuses to pass order before Saturday on plea challenging Centre's notification allowing #Jallikattu.
— Press Trust of India (@PTI_News) January 12, 2017
शशिकला ने मोदी से की थी अपील
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि हालांकि जल्लीकट्टू को लेकर फैसले का ड्राफ्ट तैयार हो चुका है, लेकिन शनिवार से पहले फैसला सुनाना मुमकिन नहीं है. इससे पहले एआईएडीएमके की महासचिव शशिकला ने पीएम मोदी को भी जल्लीकट्टू को लेकर खत लिखा था. जिसमें आयोजन को लेकर अध्यादेश जारी करने की मांग की गई थी.
राज्य के मुख्यमंत्री पनीरसेल्वम भी पीएम मोदी से इस बारे में अपील कर चुके हैं. शशिकला ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर कहा है कि पशुओं के साथ किसी तरह की क्रूरता नहीं की जाती. तमिलनाडु में देवता मानकर सांड की पूजा की जाती है और उनको काबू में करने का प्रयास करने वाले युवा इस बात का ख्याल रखते हैं कि उनको किसी तरह का दर्द ना हो.
शशिकला ने साथ ही कहा था कि जल्लीकट्टू पर प्रतिबंध से तमिलनाडु के लोगों में खासकर युवाओं में नाराजगी बढ़ी है. इसे खत्म करने के लिए सभी तरह के प्रयास किये जाने चाहिए. इसके साथ ही पर्यावरण राज्यमंत्री अनिल दवे ने भी गुजारिश की थी कि इस साल पारंपरिक खेल के आयोजित की इजाजत दी जाए.
#SC says though the draft of the judgement is ready it's not possible to pass verdict before Saturday.
— Press Trust of India (@PTI_News) January 12, 2017
कमल हासन ने की थी पैरवी
अभिनेता कमल हासन ने भी तमिलनाडु के परंपरागत खेल जल्लीकट्टू की पैरवी करते हुए कहा कि जो भी यह सोचते हैं कि यह खेल जानवरों के प्रति क्रूरता है उन्हें बिरयानी खाना छोड़ देना चाहिए.
हिंदी न्यूज चैनल के कॉन्क्लेव के दौरान हासन ने कहा, "यदि आप जल्लीकट्टू पर प्रतिबंध चाहते हैं तो फिर बिरयानी पर भी प्रतिबंध लगाओ. मैं जल्लीकट्टू का दीवाना हूं." साथ ही कहा कि वे कई बार इस खेल का हिस्सा बन चुके हैं. उन्होंने कहा कि यह खेल तमिलनाडु के परंपरागत संस्कृति का हिस्सा है.
कमल हासन पहले भी जल्लीकट्टू को फिर से शुरू करने की पैरवी कर चुके हैं. गौरतलब है कि जल्लीकट्टू को सुप्रीम कोर्ट ने साल 2014 में प्रतिबंधित कर दिया था. कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि इससे जानवरों पर क्रूरता होती है.
First published: 12 January 2017, 12:51 IST