मुलायम, अमर और 'पीके' की मुलाकात, बिहार की तर्ज पर यूपी में बनेगा महागठबंधन!

उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है. इस बीच उत्तर प्रदेश में बिहार की तर्ज पर महागठबंधन की सुगबुगाहट तेज हो गई है. यूपी में कांग्रेस के चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने मंगलवार को सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव से मुलाकात की.
इस दौरान प्रशांत किशोर और सपा के राज्यसभा सांसद अमर सिंह के बीच भी मुलाकात हुई. बताया जा रहा है कि दोनों नेताओं से मुलाकात के दौरान प्रशांत किशोर ने बिहार की तरह उत्तर प्रदेश में महागठबंधन बनाने पर चर्चा की. बैठक में अमर सिंह की मौजूदगी से नए सियासी समीकरण बनने के संकेत मिल रहे हैं.
अमर से भी मिले प्रशांत किशोर
मंगलवार शाम को अमर सिंह सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव के आवास पर उनसे मिलने पहुंचे. प्रशांत किशोर ही बिहार में भी आरजेडी, जेडीयू और कांग्रेस के बीच चुनाव से पहले बने महागठबंधन के सूत्रधार रहे हैं. ऐसे में उत्तर प्रदेश में चुनाव से ठीक पहले उनकी मुलायम से मुलाकात के मायने भी इसी संभावना को बयां कर रहे हैं.
बिहार चुनाव में महागठबंधन होने से सारे सियासी समीकरण बदल गए थे और नीतीश कुमार की अगुवाई वाले महागठबंधन को दो तिहाई बहुमत हासिल हुआ था.
Delhi: Political strategist Prashant Kishor leaves after meeting Mulayam Singh Yadav and Amar Singh pic.twitter.com/pnCYAxA3Hy
— ANI (@ANI_news) November 1, 2016
शिवपाल और पीके की हुई थी मुलाकात
सियासी जानकारों के मुताबिक मुलायम और पीके के बीच बातचीत गठबंधन के दायरे के सिलसिले में ही हुई है. सपा के यूपी अध्यक्ष शिवपाल यादव जब पिछले हफ्ते दिल्ली में राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष चौधरी अजीत सिंह से मिलने पहुंचे थे, उस दौरान भी उनकी प्रशांत किशोर से मुलाकात हुई थी.
जनता दल यूनाइटेड के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी की मौजूदगी में शिवपाल और प्रशांत किशोर की यह मुलाकात हुई थी. ऐसे में अब मुलायम और प्रशांत किशोर की ताजा मुलाकात ने महागठबंधन की संभावनाओं को और बल दिया है.

बिहार का फॉर्मूला होगा लागू!
कांग्रेस के कुछ बड़े नेता भी मानते हैं कि अगर भाजपा को हराने के लिए समान विचार वाले दलों को एक स्वस्थ गठबंधन हो, तो कोई बुराई नहीं है. वैसे भी कांग्रेस यूपी में अपने दम पर कोई बड़ा उलटफेर करने की स्थिति में नहीं है.
प्रशांत किशोर भी पहले ही अपनी रिपोर्ट भेज चुके हैं कि अकेले यूपी जीतना संभव नहीं है. वैसे अभी तक कांग्रेस या प्रशांत किशोर ने यह साफ नहीं किया है कि यह मुलाकात किस सिलसिले में हुई.
मुलाकात के बाद मीडिया से बिना कोई बात किए प्रशांत किशोर मुलायम के आवास से निकल गए. हालांकि इस संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता कि इस दौरान महागठबंधन पर चर्चा हुई.
सियासी जानकार मानते हैं कि सीट बंटवारे को लेकर दोनों पार्टियां पहले बातचीत करेंगी, उसके बाद ही गठबंधन का फॉर्मूला फाइनल होगा. कांग्रेस को पिछले विधानसभा चुनाव में 23 सीटों पर कामयाबी मिली थी. ऐसे में कांग्रेस उन सीटों को अपने पास रखने के साथ ही कुछ और सीटों की मांग कर सकती है.
मुस्लिम वोटबैंक बचाने में मददगार
बिहार में महागठबंधन को मिली बड़ी कामयाबी के बाद उत्तर प्रदेश में भाजपा विरोधी दल एक मज़बूत महागठबंधन बनाने में जातीय समीकरण को खास तौर पर देख रहे हैं.
कांग्रेस के पास दलित वोटबैंक का कुछ हिस्सा है. इसमें गैर जाटव दलित जातियां हैं. इसके अलावा नीतीश कुमार का अति पिछड़ों पर अच्छा प्रभाव है.
दरअसल बसपा सुप्रीमो मायावती ने हाल ही में अपनी रणनीति बदलते हुए मुस्लिम समाज के 100 से ज्यादा लोगों को विधानसभा चुनाव में टिकट दिया है. अब तक चुनाव में मुस्लिम मतों का ज्यादातर हिस्सा सपा को मिलता रहा है.
ऐसे में मुलायम को मुस्लिम वोटबैंक के खिसक जाने का डर भी महागठबंधन की एक वजह बन सकता है. वहीं आरएलडी के चौधरी अजीत सिंह इसमें जाट वोटबैंक जोड़कर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में निर्णायक भूमिका अदा कर सकते हैं.
अगर महागठबंधन बन जाता है तो मायावती का सामाजिक समीकरण बिगड़ सकता है. मायावती इस चुनाव में दलित-मुस्लिम समीकरण पर भरोसा कर रही हैं. 2007 के चुनाव में माया की ब्राह्मण-दलित केमिस्ट्री हिट रही थी.
उत्तर प्रदेश के ताजा सियासी हालात में मुस्लिम मतदाता संशय की स्थिति में हैं, लेकिन अगर उन्हें महागठबंधन के रूप में सशक्त विकल्प मिल जाता है, तो सपा का ये दांव कामयाब हो सकता है.
हाल ही में सपा के वरिष्ठ नेता आजम खां ने भी एक प्रेस नोट में कहा था कि मुसलमान बेभरोसा सियासी ताकत के साथी नहीं बनना चाहते. आजम ने कहा था कि भाजपा को हराना ही हमारा असली मकसद है.
जाहिर है ऐसे सियासी माहौल में कांग्रेस के रणनीतिकार प्रशांत किशोर और मुलायम-अमर का मंथन महागठबंधन के स्पष्ट संकेत दे रहा है. इससे पहले यूपी के सीएम अखिलेश यादव भी कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की तारीफ कर चुके हैं.
First published: 2 November 2016, 9:41 IST