यूपी के चुनावी दंगल में पल-पल दांव बदलते 'नेताजी', मुलायम के 5 यू-टर्न

तीन बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके मुलायम सिंह यादव कुश्ती के अखाड़े के पहलवान रह चुके हैं. लेकिन हाल के दिनों में जब समाजवादी पार्टी का विवाद क्लाइमेक्स पर पहुंचा, तो उनके दांव-पेंच कमज़ोर पड़ते दिखे. बेटे और यूपी के सीएम अखिलेश यादव ने समाजवादी दंगल में अपने बापू यानी मुलायम सिंह यादव को करारी मात दे दी.
ज़ाहिर है मुलायम सिंह यादव के पास दो ही विकल्प बचे थे. या तो अपने पुत्र अखिलेश के साथ आएं या फिर कोपभवन में बैठकर अंदर से ही चुनाव का नज़ारा देखें. ऐसे में नेताजी ने बेटे के साथ जाना मुनासिब समझा है. पिछले कुछ दिनों में नेताजी यानी मुलायम सिंह यादव लगातार पलटी मारते रहे हैं. उनके बयानों से कुछ ऐसा ही नज़र आता है. एक नज़र उनके पांच यू टर्न पर:

नेताजी के 5 यू-टर्न
29 जनवरी:
सपा अपने दम पर भी चुनाव लड़ती तो जीत जाती. इस गठबंधन (सपा-कांग्रेस) की जरूरत ही नहीं थी. हमने हमेशा कांग्रेस के खिलाफ लड़ाई लड़ी है.
29 जनवरी:
मैं सपा-कांग्रेस गठबंधन के खिलाफ हूं. मैं प्रचार में भी हिस्सा नहीं लूंगा. मैं कार्यकर्ताओं से अपील करता हूं कि वो गठबंधन के खिलाफ खड़े हों और जनता तक अपनी बात पहुंचाएं.
1 फरवरी:
सपा-कांग्रेस गठबंधन के सभी उम्मीदवारों को मेरा आशीर्वाद है. मैं उनके लिए प्रचार करूंगा.
3 फरवरी:
9 फरवरी को मैं शिवपाल यादव के लिए जसवंतनगर सीट से चुनाव प्रचार करूंगा. अखिलेश यादव के लिए बाद में प्रचार करूंगा.
6 फरवरी:
मैं कल से ही चुनाव प्रचार करूंगा. पुरानी बातों को भुलाकर सपा और कांग्रेस गठबंधन को वोट देने की अपील करूंगा.
